अच्छे दिन की तरफ
कदम बढ़ाऊँ या नहीं कई दिन महीने हो गये
फैसला ही नहीं
लिया जा रहा है
भ्रम बना हुआ है
बड़ा और बड़ा
होता जा रहा है
बताने वाले ने भी
खूब बताया
बहुत बड़ा सा
एक भोंपू
लेकर आया
उस समय लगा
बस अपने ही
समझ में सब
अच्छी तरह
से आ रहा है
बताने वाला
बताते बताते
भूल गया शायद
क्या बता रहा है
अच्छे दिन पर
चूना लगाकर
आपात काल
आ रहा है जैसा ही
अब कुछ अकेले में
जा कर फुसफुसा रहा है
अच्छे का मतलब
आपात होता है
दिन काल हुआ
जा रहा है
रोज ही रहता है
अपने घर में हमेशा से
तानाशाह हर दूसरा
बहुत पहले से ही
नजर आ रहा है
‘उलूक’ को आदत
हो चुकी है
राजशाही तानाशाही
हरामेशाही की
अपने ही घर परिवार
में अपने ही लोगों के साथ
आपातकाल आता है या
आपतकाल नहीं आता है
उसके घर के हिटलरों में से
एक भी ना कहीं आ रहा है
ना ही आने वाले समय
में कहीं जा रहा है
विनाशकाले विपरीत बुद्धी
ही उसके जैसे सभी भाई बंद
मंदबुद्धियों के लिये एक
वरदान हुआ जा रहा है।
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