उलूक टाइम्स: उलझन
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बुधवार, 25 जून 2014

यूस एंड थ्रो करना आना भी बहुत बड़ी बात होता है

खुद के
खुद से
उलझने से
पैदा हुई

उलझनो में
उलझने से
बेहतर होता है

दूसरे की
उलझनों में
खुद जाकर
उलझ लेना

किसी से
खुद का
कुछ
खुद कभी
नहीं सुलझता है

उलझना
उलझनो का
उलझनो से

बहुत पुरानी
उलझन होती है

नये जमाने
के लोग
आदी
होने लगे हैं
यूज एण्ड थ्रो के

और
सबसे
अच्छी स्थिति

किसी
और की
उलझन में
उलझ कर

समझ में
जितना
आ सके
समझ
लेना होता है

करना
कुछ नहीं
होता है

उसकी
उलझन को
उसी को

बहुत
अच्छी
तरह से
समझा कर

किनारे से
निकल लेना
होता है

अपनी
उलझनों को
थ्रो करते हुऐ

दूसरे की
उलझनो को
लपक लपक कर

यूज कर लेना ही
यूज एंड थ्रो
करना होता है

उलझनो को
अपनी जगह
उलझते
रहना होता है

सुलझने
के लिये
कहीं कुछ
नहीं होता है

‘उलूक’
इसके बाद
किसने किस से
कहना होता है

उलझनों को
सुलझाने में
किसी का दिमाग
भी खराब होता है

हर चीज पर
मेड इन इंडिया
लिखा ही हो
जरूरी नहीं होता है

पड़ौसी देश
चीन से
आजकल
बहुत कुछ

इस
तरह का ही
इसी लिये
बहुतायत में
आयात होता है ।

सोमवार, 11 नवंबर 2013

उलझन उलझी रहे अपने आप से तो आसानी हो जाती है

उलझाती है
इसीलिये तो
उलझन
कहलाती है

सुलझ गई
किसी तरह
किसी की तो
किसी और
के लिये यही
बात एक
उलझन
हो जाती है

अब उलझन का
क्या किया जाये
कुछ फितरत में
होता है किसी के
उलझना किसी से

कुछ के नहीं होती है
अगर कोई उलझन
पैदा कर दी जाती हैं
उलझने एक नहीं कई

कहीं एक सवाल
से उलझन
कहीं एक बबाल
से उलझन

किसी के लिये
आँखें किसी की
हो जाती हैं उलझन

किसी के लिये
जुल्फें ही बन
जाती हैं उलझन

सुलझा हुआ
है कोई कहीं
तो आँखिर है कैसे
बिना यहां
किसी उलझन

उलझनों का
ना होना किसी
के पास ही
एक आफत
हो जाती है

अपनो को तक पसंद
नहीं आती है ये बात

इसीलिये पैर
उलझाये जाते है
किसी के किसी से

घर ही के अपने
बनाते हैं कुछ
ऐसी उलझन

सबकी होती है
और जरूर होती है
कुछ ना कुछ उलझन

अपनी अपनी अलग
तरह की उलझन
देश की उलझन
राज्य की उलझन
शहर की उलझन
मौहल्ले घर
गली की उलझन

उलझन होती है
होने से भी
कुछ नहीं होता है
वो अपनी जगह
अपना काम करती है
उलझाने का

पर उलझने को कौन
कहाँ तैयार होता है
अपनी उलझन से
उसे तो किसी
और की उलझन
से प्यार होता है

सारी जिंदगी
उलझने यूं ही
उलझने रह जाती हैं

सबकी अपनी
अपनी होती हैं
कहाँ फंसा पाती हैं

अपनी जुल्फों को
देखने के लिये
आईना जरूरी होता है
सामने वाले की जुल्फ
साफ नजर आती है

आसानी से
सुलझाई जाती हैं
अपनी उलझन
अपने में ही
उलझी रह जाती है ।