शर्म होती है
या
कहते हैं शरम
फर्क पड़ता है
क्या
कर लेते हैं
शरम का ही
चलो भरम
शरम नहीं
आती है तो
बन जाते हैं
सभी होने ना
होने वाले काम
शरमाने वाले को
तो लगता है
हो गया हो
जैसे
खतरनाक जुखाम
वो जुखाम को देखे
या करवाले
अपने कोई काम
आपको आती है क्या
आती है तो अभी
भी सम्भल जाइये
कुछ तो सीख लीजिये
शरमाना तो
कम से कम
भूल ही जाइये
जिसने की शरम
उसके फूटे करम
आपसे कोई कभी
नहीं कह पायेगा
आपकी हो
जायेगी चाँदी
पांचों अंगुलियां
होंगी घी में
या
कहते हैं शरम
फर्क पड़ता है
क्या
कर लेते हैं
शरम का ही
चलो भरम
शरम नहीं
आती है तो
बन जाते हैं
सभी होने ना
होने वाले काम
शरमाने वाले को
तो लगता है
हो गया हो
जैसे
खतरनाक जुखाम
वो जुखाम को देखे
या करवाले
अपने कोई काम
आपको आती है क्या
आती है तो अभी
भी सम्भल जाइये
कुछ तो सीख लीजिये
शरमाना तो
कम से कम
भूल ही जाइये
जिसने की शरम
उसके फूटे करम
आपसे कोई कभी
नहीं कह पायेगा
आपकी हो
जायेगी चाँदी
पांचों अंगुलियां
होंगी घी में
और
सर कढ़ाई
में डूब जायेगा
जनज्वार वाले
लगे हैं एक
खबर पढ़वाने में
जोर लगा रहे हैं
डाक्टरों के शर्माने में
अरे छोड़ भी
दीजिये जनाब
किस किस
को शरमाना
इस जमाने
में सिखायेंगे
ज्याद किया
तो खुद ही
शरमाना
भूल जायेंगे
मास्टरों ने
छोड़ दिया
कब से
शरमाना
डाक्टर भी
अब नहीं
शरमा रहा
मिल गया ना
आप को
एक बहाना
चलिये बताइये
या
कुछ गिनवाइये
कितनो को
आ रही है
इस देश में
इस समय शरम
नहीं गिनवा
पा रहे तो
करवा ही लिजिये
चलिये चुनाव
शरम आती है
या नहीं आती है
अब तो पता ही
नहीं लग पाता
लोकतंत्र है
शरमाता या
अन्ना को ही
आनी चाहिये
कुछ तो शरम
ये शरम भी ना
अब बड़ी
अजीब ही
होने लगी है
जिसको आती है
उसको हर जगह
मार खिलवाती है
जिसको नहीं आती
उसके पीछे पता नहीं
क्यूं खामखां पब्लिक
झाडू़ ले के पड़ जाती है ।
चित्र साभार: www.clipartpanda.com
सर कढ़ाई
में डूब जायेगा
जनज्वार वाले
लगे हैं एक
खबर पढ़वाने में
जोर लगा रहे हैं
डाक्टरों के शर्माने में
अरे छोड़ भी
दीजिये जनाब
किस किस
को शरमाना
इस जमाने
में सिखायेंगे
ज्याद किया
तो खुद ही
शरमाना
भूल जायेंगे
मास्टरों ने
छोड़ दिया
कब से
शरमाना
डाक्टर भी
अब नहीं
शरमा रहा
मिल गया ना
आप को
एक बहाना
चलिये बताइये
या
कुछ गिनवाइये
कितनो को
आ रही है
इस देश में
इस समय शरम
नहीं गिनवा
पा रहे तो
करवा ही लिजिये
चलिये चुनाव
शरम आती है
या नहीं आती है
अब तो पता ही
नहीं लग पाता
लोकतंत्र है
शरमाता या
अन्ना को ही
आनी चाहिये
कुछ तो शरम
ये शरम भी ना
अब बड़ी
अजीब ही
होने लगी है
जिसको आती है
उसको हर जगह
मार खिलवाती है
जिसको नहीं आती
उसके पीछे पता नहीं
क्यूं खामखां पब्लिक
झाडू़ ले के पड़ जाती है ।
चित्र साभार: www.clipartpanda.com