सब कुछ
आराम से
चलता रहे
इस देश में
अगर
कुछ लोग
फालतू में
अन्ना ना
बनकर
दूसरौं के
गन्नो को
लहलहाने दें
सब कुछ
ठीक चलता
रहता है
सिर्फ
थोड़ी देर
असमंजस
होती है उसे
जिसे
फटे में टांग
अड़ाने की
आदत है
सब कुछ
होता है
सब स्वीकार
करते हैं
बस कुछ
बिल्लियां
खिसियाती हैं
और पंजो
के निशान
आप देख
सकते हैं
ब्लाग के
पन्नो पर ।
आराम से
चलता रहे
इस देश में
अगर
कुछ लोग
फालतू में
अन्ना ना
बनकर
दूसरौं के
गन्नो को
लहलहाने दें
सब कुछ
ठीक चलता
रहता है
सिर्फ
थोड़ी देर
असमंजस
होती है उसे
जिसे
फटे में टांग
अड़ाने की
आदत है
सब कुछ
होता है
सब स्वीकार
करते हैं
बस कुछ
बिल्लियां
खिसियाती हैं
और पंजो
के निशान
आप देख
सकते हैं
ब्लाग के
पन्नो पर ।