अब
सब की
अपनी अपनी
सोच
अपनी
तरह की होती है
एक
की आदत
एक तरह की
तो
दूसरे की
दूसरे तरह
की होती है
क्या
किया जाये
अगर
कोई तुमसे
रोज ही
रास्ते में
टकराता है
अपना होता है
दुआ सलाम
करता है
और
मुस्कुराता है
बस एक
छोटी सी
बात को
समझना
जरा
मुश्किल सा
हो जाता है
जब
तुम्हारे ही
बारे में
कुछ
प्रश्नों का
एक प्रश्नपत्र
बना कर
तुम्हारे
ही पड़ोसी से
सड़क पर
कहीं
पूछ्ना शुरू
हो जाता है
पड़ोसी
बेचारा
जब हल नहीं
ढूँढ पाता है
गूगल
करके भी
हार जाता है
तुम्हारे
अपनों के
प्रश्नो के
प्रश्न पत्र
को लेकर
तुमसे ही
हल
करवाने
के लिये
कुछ फूल
मिठाई लेकर
सुबह सुबह
तुम्हारे ही
घर पहुँच
जाता है ।
सब की
अपनी अपनी
सोच
अपनी
तरह की होती है
एक
की आदत
एक तरह की
तो
दूसरे की
दूसरे तरह
की होती है
क्या
किया जाये
अगर
कोई तुमसे
रोज ही
रास्ते में
टकराता है
अपना होता है
दुआ सलाम
करता है
और
मुस्कुराता है
बस एक
छोटी सी
बात को
समझना
जरा
मुश्किल सा
हो जाता है
जब
तुम्हारे ही
बारे में
कुछ
प्रश्नों का
एक प्रश्नपत्र
बना कर
तुम्हारे
ही पड़ोसी से
सड़क पर
कहीं
पूछ्ना शुरू
हो जाता है
पड़ोसी
बेचारा
जब हल नहीं
ढूँढ पाता है
गूगल
करके भी
हार जाता है
तुम्हारे
अपनों के
प्रश्नो के
प्रश्न पत्र
को लेकर
तुमसे ही
हल
करवाने
के लिये
कुछ फूल
मिठाई लेकर
सुबह सुबह
तुम्हारे ही
घर पहुँच
जाता है ।