किसी का
लिखा हुआ
कुछ कहीं
जब कोई
पढ़ता
समझता है
लेखक
का चेहरा
उसका
व्यक्तित्व
भी गढ़ने
की एक
नाकाम
कोशिश
भी साथ
में करता है
सफेदी
दिख रही
हो सामने
से अगर
कागज पर
एक सफेद
सा चेहरा
नजर आता है
काला
सा लिखा
हुआ हो कुछ
चेहरे
पर कालिख
सी पोत
जाता है
रंग
लाल
पीले हों
कभी कभी
कहीं
गडमगड्ड
हो जाते हैं
लिखा हुआ
होता तो है
पर पहचान छुपा
सी कुछ जाते हैं
लिखने पर
आ ही
जाये कोई
तो बहुत
कुछ लिखा
जाता है
पर अंदर
की बात
कहाँ कोई
यहाँ आ
कर बता
जाता है
खुद के
सीने में
जल रही
होती है
लिखा हुआ
कुछ कहीं
जब कोई
पढ़ता
समझता है
लेखक
का चेहरा
उसका
व्यक्तित्व
भी गढ़ने
की एक
नाकाम
कोशिश
भी साथ
में करता है
सफेदी
दिख रही
हो सामने
से अगर
कागज पर
एक सफेद
सा चेहरा
नजर आता है
काला
सा लिखा
हुआ हो कुछ
चेहरे
पर कालिख
सी पोत
जाता है
रंग
लाल
पीले हों
कभी कभी
कहीं
गडमगड्ड
हो जाते हैं
लिखा हुआ
होता तो है
पर पहचान छुपा
सी कुछ जाते हैं
लिखने पर
आ ही
जाये कोई
तो बहुत
कुछ लिखा
जाता है
पर अंदर
की बात
कहाँ कोई
यहाँ आ
कर बता
जाता है
खुद के
सीने में
जल रही
होती है
आग
बहुत सारी
जलते
जलते भी
एक ठंडा
सा सागर
सामने ला
कर दिखाता है
किसी
किसी को
कुछ ऎसा
लिखने में
भी मजा
आता है
आँखों
में जलन
और
धुआँ धुआँ
सा हो जाता है
वैसे भी
जब साफ
होता है पानी
तभी तो
चेहरा भी
उसमें साफ
नजर आता है
यहां तो
एक चित्र
ऎसा भी
देखने में
आता है
जो अपनी
फोटो में
भी नजरें
चुराता है
ले दे कर
एक चित्र
एक लेख
एक आदमी
जरूरी
नहीं है जो
दिखता है
वही हो
भी पाता है ।
बहुत सारी
जलते
जलते भी
एक ठंडा
सा सागर
सामने ला
कर दिखाता है
किसी
किसी को
कुछ ऎसा
लिखने में
भी मजा
आता है
आँखों
में जलन
और
धुआँ धुआँ
सा हो जाता है
वैसे भी
जब साफ
होता है पानी
तभी तो
चेहरा भी
उसमें साफ
नजर आता है
यहां तो
एक चित्र
ऎसा भी
देखने में
आता है
जो अपनी
फोटो में
भी नजरें
चुराता है
ले दे कर
एक चित्र
एक लेख
एक आदमी
जरूरी
नहीं है जो
दिखता है
वही हो
भी पाता है ।