उलूक टाइम्स: ढोर
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मंगलवार, 31 जुलाई 2018

गुलामी आजाद कर रहे हैं ये तो मनमानी है आओ किसी की पाली हुयी एक ढोर हो जायें

दूर करें
अकेलापन
बहुत
आसानी से

किसी भी
भीड़ में एक
कहीं घुसकर
खो जायें

आओ
एक चोर हो जायें

मुश्किल है
बचाना
सोच को अपनी
बहुत दिनों तक

क्या परेशानी है

आओ
जंगल में
नाचता हुआ
एक मोर हो जायें

कारवाँ
भटकने
लगे हैं रास्ते

पहुचने की
किसने ठानी है

खोने का डर
निकालें दिल से

आओ
निडर होकर

किसी गिरोह
को जोड़ने की
एक डोर हो जायें

सच रखे हैं
सबने अपने
अपनी जेब में

कौन सा
बे‌ईमानी है

बहुमत
की मानें
इतने सारे
एक से हैं

आओ
एक और हो जायें

पाठ्यक्रम
सारे बदल गये हैं
किताबें सब पुरानी हैं

‘उलूक’ की
बकबक में
दिमाग ना लगायें

आओ
किसी की
पाली हुयी
एक ढोर हो जायें।

चित्र साभार: www.shutterstock.com