उलूक टाइम्स: तमगे
तमगे लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
तमगे लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 3 दिसंबर 2011

समापन

अंधेरे
के घेरे हैं
चारों तरफ

उजालों
से नफरत
हो जायेगी

दिया
लेकर
चले आओगे

रोशनी
ही भटक
जायेगी

कितनी
बेशर्मी
से कह
गये वो

रोशन है
आशियां

रोशनी
भी आयेगी

बेवफाओं
को तमगे
बटे हैं

वफा
ही क्यों
ना शर्मायेगी

यकीं
होने लगा
है पूरा
मुझको

दुनियां
यूं ही
बहल
जायेगी ।