===================== All Time= 5000020,=====================Today=1850,
Yesterday=2543,
This Month=76339, Last Month=71214,Alexa Rank =170,561,
🇮🇳 India Rank =17,090=====================
लिखते लिखते
कहाँ से कहाँ पहुँचा गया
बकवास-ए-उलूक
पढ़ने
कौन आया कौन नहीं
पता नहीं चला
देखने वाला
आ कर देख गया
घड़ी की सूईं
कुछ आगे को जरा सा खिसका गया
एक दो तीन से होते होते
पचास लाख के पार करा गयापढ़ने लिखने की बात
कहीं है नहीं
इतना जरूर समझा गया
कुछ तो है
देखने के लायक
पर्दा उठा कर कई बार
उठे पर्दे को गिरा गया
किसी को अंधा सूर याद आया
कोई कबीर कबीर चिल्ला गया
उलट बाँसी की बात कर के कोई
बात अपनी उल्टी सीधी करवा गया
आते रहें जाते रहें बताते रहें समझाते रहें
लिखते लिखाते बकवास ही सही
‘उलूक’ थोड़ा बहुत पढ़ लिखा गया
आभार देखने वालो आपका दिल से
पन्ना चिट्ठा-ए-उलूक
एक और मील के पत्थर से
कुछ आगे
आज आपने जो पहुँचा दिया।
---
चित्र साभार: https://www.shutterstock.com/
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This Month=76339,
🇮🇳 India Rank =17,090
कहाँ से कहाँ पहुँचा गया
बकवास-ए-उलूक
पढ़ने
कौन आया कौन नहीं
पता नहीं चला
देखने वाला
आ कर देख गया
घड़ी की सूईं
कुछ आगे को जरा सा खिसका गया
एक दो तीन से होते होते
पचास लाख के पार करा गया
कहीं है नहीं
इतना जरूर समझा गया
कुछ तो है
देखने के लायक
पर्दा उठा कर कई बार
उठे पर्दे को गिरा गया
किसी को अंधा सूर याद आया
कोई कबीर कबीर चिल्ला गया
उलट बाँसी की बात कर के कोई
बात अपनी उल्टी सीधी करवा गया
आते रहें जाते रहें बताते रहें समझाते रहें
लिखते लिखाते बकवास ही सही
‘उलूक’ थोड़ा बहुत पढ़ लिखा गया
आभार देखने वालो आपका दिल से
पन्ना चिट्ठा-ए-उलूक
एक और मील के पत्थर से
कुछ आगे
आज आपने जो पहुँचा दिया।
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चित्र साभार: https://www.shutterstock.com/