दिमागी तरंग
दिखाती है रंग बिना पिये भंग
जब भी कहीं
कुछ खटकता है
कुछ खटकता है
झटका जोर का मगर
धीरे से
धीरे से
कहीं किसी को लगता है
लिखा जाता है
कुछ अपने हिसाब से
कुछ अपने हिसाब से
अपना
गणित पढ़ने वाला
अपने हिसाब से
गणित पढ़ने वाला
अपने हिसाब से
उस सवाल को हल करने लगता है
बहुत से शब्दों के
पेटेंट हो चुके हैं
पेटेंट हो चुके हैं
कौन
किस पर जा कर चिपकता है
पता कहाँ चलता है
किस पर जा कर चिपकता है
पता कहाँ चलता है
झाड़ू है
सफाई है भारत है अभियान है
सफाई है भारत है अभियान है
बेमौसम
बारिश है ओले हैं तूफान है
बारिश है ओले हैं तूफान है
कहाँ
पता चलता है
कौन कहाँ जा लटकता है
पता चलता है
कौन कहाँ जा लटकता है
लटकना
डूबना कूदना तो समझ में आता भी है
डूबना कूदना तो समझ में आता भी है
बस हवा हवा में
कई बातों का हवाई जहाज
कई बातों का हवाई जहाज
दिमाग के
ऊपर से होकर पता नहीं
कहाँ जा उतरता है
ऊपर से होकर पता नहीं
कहाँ जा उतरता है
उसके
सिर में इसका चमचा
इसके
सिर में उसका चमचा
सिर में इसका चमचा
इसके
सिर में उसका चमचा
कौन से
लटकने झटकने
को ला कर पटकता है
लटकने झटकने
को ला कर पटकता है
जगह जगह
हो रही लूट खसोट पर
आँख बंद कर
हो रही लूट खसोट पर
आँख बंद कर
‘उलूक’ के
कुछ कह देते ही
कुछ कह देते ही
मौका पाकर
उसे नोचने खसोटने को
उसे नोचने खसोटने को
समझदार होशियर
एक
तुरंत झपटता है ।
एक
तुरंत झपटता है ।
चित्र साभार: www.shutterstock.com