उलूक टाइम्स: पिता जी
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गुरुवार, 12 जून 2014

हद नहीं होती जब हदों के साथ उसे पार किया जाता है

हदें पार करना
आसान होता है

बस समझने तक
सालों गुजर जाते हैं

पिता जी किया
करते थे बस
हद में रहने की बात

शायद
उस समय
नहीं की जाती
होंगी पार हदें
उस तरह से
जिस तरह से पार
कर ली जाती हैं आज

बहुत आसान
होता है हदों को
पार कर ले जाना
यूँ ही खेल खेल में

बनाना
होता है बहुमत
दिखाना
भी होता है

वो सब
गलत होता है

जो अकेले
अकेले में
एक अकेले ने
कर लिया होता है

और
पिताजी
आप भी तो
अकेले ही
हुआ करते थे
लिये धनुष
और तीर
अपने विचारों का
अपने ही हाथ

सीखने
वाला भी
अकेला रहा
करता था
कभी भी नहीं
बन पाता था बहुमत

एक और एक
दो की बातों का
समझ में आने
लगा है अब
पार करने का
तरीका हदों को

सीखा
नहीं जाता है
लेकिन बस
सलीका
बहुमत बनाने का

समझ में
आती है
बहुत छोटी सी
एक बात

जो अकेले
किया जाता है
वो सही
कभी नहीं होता
गलत हो जाता है

बहुमत के द्वारा
एक अकेले को
हद में रहना
लेकिन
बहुत आसानी से
सिखा दिया जाता है

और
उसी हद को
बहुत प्यार से
बहुमत बना के
बहुत सी हदों के
साथ साथ शहीद
कर दिया जाता है

'उलूक'
अकेला चना
बस एक चना
ही रह जाता है।