हर बार
की तरह
इस बार
भी
दिखा रहा है
आज का
अखबार भी
चुनाव की
बेला पर
जाति
समीकरण
का
समाचार भी
बिना
इसके
चुनाव
हमेशा
अधूरा रह
जाता है
आदमी का
समीकरण
इन सब
में विलीन
हो कर
खो जाता है
हर जाति
का प्रतिशत
दिखाया
गया है
आज के
अखबार में
मीडिया
भी खूब
भटकाती
रही है
इस
तरह के
समाचार में
आदमी
का प्रतिशत
आज तक
क्यों नहीं
छप पाया
किसी भी
समाचार में
कैसे
बताये कोई
जब
भेजते हैं ये
वोट देने
जातियों को
जातियों के लिये
हर सरकार में
आदमी
जिस दिन
वोट देने पर
उतर आयेगा
जाति
समीकरण
इंसानियत
की किताब
में कहीं
खो जायेगा
जीतने
हारने वाला
सिर्फ आदमी
हो जायेगा
पढे़ लिखे
लोगों का
मुंह तब बंद
हो जायेगा
आदमी का
प्रतिशत
वाकई में
उस दिन
पूरा सौ
हो जायेगा।
की तरह
इस बार
भी
दिखा रहा है
आज का
अखबार भी
चुनाव की
बेला पर
जाति
समीकरण
का
समाचार भी
बिना
इसके
चुनाव
हमेशा
अधूरा रह
जाता है
आदमी का
समीकरण
इन सब
में विलीन
हो कर
खो जाता है
हर जाति
का प्रतिशत
दिखाया
गया है
आज के
अखबार में
मीडिया
भी खूब
भटकाती
रही है
इस
तरह के
समाचार में
आदमी
का प्रतिशत
आज तक
क्यों नहीं
छप पाया
किसी भी
समाचार में
कैसे
बताये कोई
जब
भेजते हैं ये
वोट देने
जातियों को
जातियों के लिये
हर सरकार में
आदमी
जिस दिन
वोट देने पर
उतर आयेगा
जाति
समीकरण
इंसानियत
की किताब
में कहीं
खो जायेगा
जीतने
हारने वाला
सिर्फ आदमी
हो जायेगा
पढे़ लिखे
लोगों का
मुंह तब बंद
हो जायेगा
आदमी का
प्रतिशत
वाकई में
उस दिन
पूरा सौ
हो जायेगा।