भाई
बड़ा गजब
हो रहा है
कोई
कुछ भी
नहीं कह रहा है
फुसफुसा
कर कहा
बुद्धिजीवियों
से भरे एक
शहर के
एक बुद्धिजीवी ने
बगल में बैठे
दूसरे बुद्धिजीवी से
चिपकते चिपकते हुऐ
कान के पास
मुँह लगाते हुऐ
बहुत बुरा
सच में
बहुत बुरा
हो रहा है
बड़ा ही
गजब हो रहा है
मैं भी
देख रहा हूँ
कई साल से
यहाँ पर
बहुत कुछ
हो रहा है
समझ भी
नहीं पा रहा हूँ
कोई
कुछ भी
क्यों नहीं
कह रहा है
एक ने
सुनते ही
दूसरे का जवाब
जैसे ही
लगा उसे
उसका तीर
निशाने पर
लग रहा है
दुबारा
फुसफुसा
कर कहा
सुनो
सुना है
कल शहर में
कुछ
बाहर के शहर के
बुद्धिजीवियों का
कोई फड़ लग रहा है
किताबों
पर किसी
लिखने
लिखाने वाले
की कोई
चर्चा कर रहा है
फुसफुसाते
क्यों नहीं तुम
वहाँ जा कर
कि
यहाँ हो रहा है
और
गजब हो रहा है
कितनी
अजीब सी
बात है
देखिये तो जरा
हर कोई
एक दूसरे के
कान में
जा जा कर
फुस फुस
कर रहा है
कोई
किसी से
कुछ नहीं
कह रहा है
कुछ
आप ही कह दें
इस पर
जरा जोर
कुछ लगाकर
यहाँ तो
फुसफुसाहट
का ही बस
जोर हो रहा है ।
चित्र साभार: www.clipartreview.com
बड़ा गजब
हो रहा है
कोई
कुछ भी
नहीं कह रहा है
फुसफुसा
कर कहा
बुद्धिजीवियों
से भरे एक
शहर के
एक बुद्धिजीवी ने
बगल में बैठे
दूसरे बुद्धिजीवी से
चिपकते चिपकते हुऐ
कान के पास
मुँह लगाते हुऐ
बहुत बुरा
सच में
बहुत बुरा
हो रहा है
बड़ा ही
गजब हो रहा है
मैं भी
देख रहा हूँ
कई साल से
यहाँ पर
बहुत कुछ
हो रहा है
समझ भी
नहीं पा रहा हूँ
कोई
कुछ भी
क्यों नहीं
कह रहा है
एक ने
सुनते ही
दूसरे का जवाब
जैसे ही
लगा उसे
उसका तीर
निशाने पर
लग रहा है
दुबारा
फुसफुसा
कर कहा
सुनो
सुना है
कल शहर में
कुछ
बाहर के शहर के
बुद्धिजीवियों का
कोई फड़ लग रहा है
किताबों
पर किसी
लिखने
लिखाने वाले
की कोई
चर्चा कर रहा है
फुसफुसाते
क्यों नहीं तुम
वहाँ जा कर
कि
यहाँ हो रहा है
और
गजब हो रहा है
कितनी
अजीब सी
बात है
देखिये तो जरा
हर कोई
एक दूसरे के
कान में
जा जा कर
फुस फुस
कर रहा है
कोई
किसी से
कुछ नहीं
कह रहा है
कुछ
आप ही कह दें
इस पर
जरा जोर
कुछ लगाकर
यहाँ तो
फुसफुसाहट
का ही बस
जोर हो रहा है ।
चित्र साभार: www.clipartreview.com