सबसे सही आदमी सुना है आज शहर में है
शहर सुना है मगर खुद कहीं बहर में है
ये सुनना सुनाना सुन लीजिये अच्छी बात नहीं है
सही आदमी है शहर मे है एक छोटी बात नहीं है
सारे बुद्धिजीवी हैं सुना है बुलाये गए हैं बड़ी बात है
सूची बनाई गयी है एक बुद्धिजीवियों की क्या बात है
सारे समाधान हो जाएँगे आज ही रात में कत्ल की रात है
एक ही के सर सजेगा ताज मरेगा कोई नहीं गज़ब की बात है
इस शहर में हर घर में होते हैं सुना लिखे पढ़े हर कोई बेबाक है
कुछ छांटने में लग लेते हैं कुछ सूची बनाते हैं उन्हे अंदाज है
कुछ होते हैं तेरे जैसे भी ‘उलूक’ आज से नहीं सदियों से बर्बाद हैं
करते कराते कुछ नहीं है बस हो रहे कुछ कहीं पर लिख लिखा कर आबाद हैं |
चित्र साभार: https://www.hindustantimes.com/