शब्द बीजों
से उपजी
शब्दों की
लहलहाती
फसल हो
या सूखे
शब्दों से
सूख चुके
खेत में
पढ़े हुऐ
कुछ
सूखे शब्द
बस
देखते रहिये
काटने की
जरूरत
ना होती है
ना ही
कोशिश
करनी चाहिये
काटने की
दोनों ही
स्थितियों में
हाथ में कुछ
नहीं आता है
खुशी हो
या दुख:
शब्द बोना
बहुत आसान
होता है
खाद
पानी हवा
के बारे में
नहीं सोचना
होता है
अंकुर
फूटने
का भी
किसी को
इंतजार नहीं
होता है
ना ही
जरूरत
होती है
सोच
लेने में
कोई हर्ज
नहीं है
रात के देखे
सुबह होने तक
याद से
उतर जाते
सपनों की तरह
पौंधे
उगते ही हैं
सभी
नहीं तो
कुछ कुछ
उगने
भी चाहिये
अगर
बीज बीज
होते हैं
अंकुरित
होते जैसे
तो हमेशा
ही महसूस
किये जाते हैं
पर
अंकुरण होने
से लेकर
पनपने तक
के सफर में
खोते भी हैं
और
सही एक
रास्ते पर
होते होते
मंजिल तक
पहुँच भी
जाते हैं
कुछ भी हो
खेत बंजर
होने से
अच्छा है
बीज हों भी
और
पड़े भी रहें
जमीन
की ऊपरी
सतह पर
ही सही
दिखते भी रहें
उगें नहीं भी
चाहे किसी को
भूख ना भी लगे
और भरे पेट कोई
देखना भी ना चाहे
ना खेतों की ओर
या
बीजों को
कहीं भी
खेत में
या
कहीं किसी
बीज की
दुकान पर
धूल पड़े कुछ
थैलों के अंदर
शब्दों
के बीच
दबे हुऐ शब्द
कुचलते हुऐ
कुछ शब्दों
को यूँ ही ।
चित्र साभार: www.dreamstime.com
से उपजी
शब्दों की
लहलहाती
फसल हो
या सूखे
शब्दों से
सूख चुके
खेत में
पढ़े हुऐ
कुछ
सूखे शब्द
बस
देखते रहिये
काटने की
जरूरत
ना होती है
ना ही
कोशिश
करनी चाहिये
काटने की
दोनों ही
स्थितियों में
हाथ में कुछ
नहीं आता है
खुशी हो
या दुख:
शब्द बोना
बहुत आसान
होता है
खाद
पानी हवा
के बारे में
नहीं सोचना
होता है
अंकुर
फूटने
का भी
किसी को
इंतजार नहीं
होता है
ना ही
जरूरत
होती है
सोच
लेने में
कोई हर्ज
नहीं है
रात के देखे
सुबह होने तक
याद से
उतर जाते
सपनों की तरह
पौंधे
उगते ही हैं
सभी
नहीं तो
कुछ कुछ
उगने
भी चाहिये
अगर
बीज बीज
होते हैं
अंकुरित
होते जैसे
तो हमेशा
ही महसूस
किये जाते हैं
पर
अंकुरण होने
से लेकर
पनपने तक
के सफर में
खोते भी हैं
और
सही एक
रास्ते पर
होते होते
मंजिल तक
पहुँच भी
जाते हैं
कुछ भी हो
खेत बंजर
होने से
अच्छा है
बीज हों भी
और
पड़े भी रहें
जमीन
की ऊपरी
सतह पर
ही सही
दिखते भी रहें
उगें नहीं भी
चाहे किसी को
भूख ना भी लगे
और भरे पेट कोई
देखना भी ना चाहे
ना खेतों की ओर
या
बीजों को
कहीं भी
खेत में
या
कहीं किसी
बीज की
दुकान पर
धूल पड़े कुछ
थैलों के अंदर
शब्दों
के बीच
दबे हुऐ शब्द
कुचलते हुऐ
कुछ शब्दों
को यूँ ही ।
चित्र साभार: www.dreamstime.com