उपाय-चतुष्ठय अपनाए हैं साम दाम दंड और भेद
राजा ने किये प्रयोग चार मारक नहीं दिखेंगे छेद
नहीं दिखेंगे छेद कौए फिर से दरबारी गायेंगे
और दिखो सफ़ेद कबूतरों काले काले से मिल इतरायेंगे
काले काले से मिल इतरायेंगे खम्बे नोचेंगे बिल्ले खिसियाने
बिलाव दिखेगा लौटा हज से शुरू करेगा फिर सौ चूहे खाने
शुरू करेगा फिर सौ चूहे खाने दरबारी भांड करेंगे पूजा अर्चना
सड़क पेड़ कागज़ पत्तों पर करेंगे कवि लेखक वंदना सर्जना
करेंगे कवि लेखक वंदना सर्जना इतिहास नया मिल कर बनायेंगे
सिक्के नोटों पुरानी फोटों से धोती लाठी चश्मों को मिटवायेंगे
धोती लाठी चश्मों को मिटवायेंगे लंका का सोना वापस लायेंगे
रावण अट्टहास करेगा ‘उलूक’ पण्डे घर घर झंडे डंडे लहरायेंगे
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