लिखता गया
लिखते
लिखते
शायद
लिखना
आ जाये
सोच कर
पढ़ता गया
पढ़ते
पढ़ते
शायद
पढ़ना
आ जाये
मान कर
लिखने
पढ़ने
का कुछ
हुवा
या नहीं
खुदा जाने
मक्कारी
में जरूर
उस्ताद
हो गया हूँ
निरक्षरों को
अब साक्षर
बना रहा हूँ
खाली बिलों
में दस्तखत
करना
सिखा रहा हूँ
बुद्धिजीवी
का
प्रमाण पत्र
जब से
मिला है
लाल बत्ती
गाड़ी पर
लगा रहा हूँ
पढ़ाई
लिखाई
के और
भी हैं
फायदे
उठा रहा हूँ
अनपढ़
दो चार
विधान सभा
में पहुंचाने
की जुगत
लगा रहा हूँ
आप भी कुछ
नसीहत लेते
हुवे जाईये
खुद पढ़िये
और
औरों को भी
पढ़ाईये
कम से कम
इतना काबिल
तो बनाईये
पूरा ना भी
समेंट सकें
बीस तीस
हिस्सा ही
गोल
करवाईये
बहुत मौके
होते हैं
अनपढ़ की
समझ में
नहीं आ
पाते हैंं
पढ़े लिखे
होते हैं
आसानी
से चूना
लगाते हैं
साथ में
राज्य रत्न
का मेडल
बोनस की
तरह मुफ्त
में पाते हैं।
लिखते
लिखते
शायद
लिखना
आ जाये
सोच कर
पढ़ता गया
पढ़ते
पढ़ते
शायद
पढ़ना
आ जाये
मान कर
लिखने
पढ़ने
का कुछ
हुवा
या नहीं
खुदा जाने
मक्कारी
में जरूर
उस्ताद
हो गया हूँ
निरक्षरों को
अब साक्षर
बना रहा हूँ
खाली बिलों
में दस्तखत
करना
सिखा रहा हूँ
बुद्धिजीवी
का
प्रमाण पत्र
जब से
मिला है
लाल बत्ती
गाड़ी पर
लगा रहा हूँ
पढ़ाई
लिखाई
के और
भी हैं
फायदे
उठा रहा हूँ
अनपढ़
दो चार
विधान सभा
में पहुंचाने
की जुगत
लगा रहा हूँ
आप भी कुछ
नसीहत लेते
हुवे जाईये
खुद पढ़िये
और
औरों को भी
पढ़ाईये
कम से कम
इतना काबिल
तो बनाईये
पूरा ना भी
समेंट सकें
बीस तीस
हिस्सा ही
गोल
करवाईये
बहुत मौके
होते हैं
अनपढ़ की
समझ में
नहीं आ
पाते हैंं
पढ़े लिखे
होते हैं
आसानी
से चूना
लगाते हैं
साथ में
राज्य रत्न
का मेडल
बोनस की
तरह मुफ्त
में पाते हैं।