गुरुआइन को
सुबह से
क्रोध आ रहा है
कह कुछ
नहीं रही है
बस
छोटी छोटी
बातों के बीच
मुँह कुछ लाल
और
कान थोड़ा सा
गुलाल हो
जा रहा है
गुरु के चेले
पौ फटते ही
शुरु हो लिये हैं
कहीं चित्र में
चेला गुरु के
चरणों में झुका
कहीं गुरु चेले की
बलाइयाँ लेता
नजर आ रहा है
चेले गुरु को
भेज रहे हैं
शुभकामनाएं
गुरु मन्द मन्द
मुस्कुरा रहा है
ब्रह्मा विष्णु
महेश ही नहीं
साक्षात परम ब्रह्म
के दर्शन पा लिया
दिखा कर चेला
धन्य हुआ जा रहा है
‘उलूक’ आदतन
अपने पंख लपेटे
सूखे पेड़ के
खोखले ठिये पर
बार बार पंजे
निकाल कर
अपने कान
खुजला रहा है
गुरु चेलों की
संगत में
अभी अभी
सामने सामने
दिखा नाटक
और
तबलेबाजी
का नजारा
उससे
ना उगला
जा रहा है
ना निगला
जा रहा है
कैसे समझाये
गुरुआइन को गुरु
उसे पता है
आज शाम
पूर्णिमा को
ग्रहण लगने
जा रहा है
इतिहास का
पहला वाकया है
चाँद भी
पीले से
लाल होकर
अपना क्रोध
कलियुगी
गुरु के
साथ पूर्णिमा
को जोड़ने
की बात पर
दिखा रहा है
थूक
देना चाहिये
गुरुआइन ने भी
आज अपना क्रोध
सुनकर
गुरु की
पूर्णिमा को
आज ग्रहण
लगने जा रहा है।
चित्र साभार: www.istockphoto.com
सुबह से
क्रोध आ रहा है
कह कुछ
नहीं रही है
बस
छोटी छोटी
बातों के बीच
मुँह कुछ लाल
और
कान थोड़ा सा
गुलाल हो
जा रहा है
गुरु के चेले
पौ फटते ही
शुरु हो लिये हैं
कहीं चित्र में
चेला गुरु के
चरणों में झुका
कहीं गुरु चेले की
बलाइयाँ लेता
नजर आ रहा है
चेले गुरु को
भेज रहे हैं
शुभकामनाएं
गुरु मन्द मन्द
मुस्कुरा रहा है
ब्रह्मा विष्णु
महेश ही नहीं
साक्षात परम ब्रह्म
के दर्शन पा लिया
दिखा कर चेला
धन्य हुआ जा रहा है
‘उलूक’ आदतन
अपने पंख लपेटे
सूखे पेड़ के
खोखले ठिये पर
बार बार पंजे
निकाल कर
अपने कान
खुजला रहा है
गुरु चेलों की
संगत में
अभी अभी
सामने सामने
दिखा नाटक
और
तबलेबाजी
का नजारा
उससे
ना उगला
जा रहा है
ना निगला
जा रहा है
कैसे समझाये
गुरुआइन को गुरु
उसे पता है
आज शाम
पूर्णिमा को
ग्रहण लगने
जा रहा है
इतिहास का
पहला वाकया है
चाँद भी
पीले से
लाल होकर
अपना क्रोध
कलियुगी
गुरु के
साथ पूर्णिमा
को जोड़ने
की बात पर
दिखा रहा है
थूक
देना चाहिये
गुरुआइन ने भी
आज अपना क्रोध
सुनकर
गुरु की
पूर्णिमा को
आज ग्रहण
लगने जा रहा है।
चित्र साभार: www.istockphoto.com