विश्व
के एक
विद्यालय में
जल्द ही
संघ का
चुनाव होने
जा रहा है
मजे
की बात है
हर
लड़ने वाला
इस चुनाव में
अपना
झंडा
छुपा रहा है
बुद्धिजीवी
बड़ी बात है
किसी एक
बुद्धिजीवी को
वोट देने
जा रहा है
मुद्दे
किसी के
पास हैं
और क्या हैं
पूछने पर
कोई
कुछ नहीं
बता रहा है
विश्व का
यही एक
विद्यालय
जल्दी ही
दो में टूटने
जा रहा है
किसलिये
और क्यों
तोड़ा
जा रहा है
अलग बात है
अच्छा है
किसी से
उसकी
औकात के
बाहर का प्रश्न
पूछा भी
नहीं जा रहा है
शहर
जिले प्रदेश
से छाँट कर
किसी
एक को
दूसरी
ऐसी ही
किसी एक
ऊँची दुकान में
सामान
बेचने
के लिये
भेजा
जा रहा है
अखबार
शहर का
बेचने और
खरीदने की
बात छोड़ कर
दुकानदार
बनाये गये
बुद्धिजीवी के
गाये गये
गाने को
समझा रहा है
सब
पके
पकाये हैं
हर कोई
एक दूसरे को
पका रहा है
विश्व के
विद्यालय के
विख्यात
व्याख्याताओं को
दो हजार उन्नीस
नजर आ रहा है
समझ में
नहीं आती हैं
कुछ बातें
तो लिखने
चला आ रहा है
लिखना
नहीं आता है
फिर क्यों
और
किसलिये
पढ़ा रहा है
लूटना
सिखाना
गिरोह बनाना
नहीं सिखा
पा रहा है
बेकार है
जिन्दगी उसकी
जो खाली
विषय
पढ़ा रहा है
‘उलूक’
तेरी बात है
मान लेते हैं
तू खुद भी
नहीं समझ
पा रहा है
दुआ
उसको दे
जो
ऐसे कूड़े पर
फिर भी
टिप्पणी
दे कर
जा रहा है ।
चित्र साभार: www.thebiharnews.in
के एक
विद्यालय में
जल्द ही
संघ का
चुनाव होने
जा रहा है
मजे
की बात है
हर
लड़ने वाला
इस चुनाव में
अपना
झंडा
छुपा रहा है
बुद्धिजीवी
बड़ी बात है
किसी एक
बुद्धिजीवी को
वोट देने
जा रहा है
मुद्दे
किसी के
पास हैं
और क्या हैं
पूछने पर
कोई
कुछ नहीं
बता रहा है
विश्व का
यही एक
विद्यालय
जल्दी ही
दो में टूटने
जा रहा है
किसलिये
और क्यों
तोड़ा
जा रहा है
अलग बात है
अच्छा है
किसी से
उसकी
औकात के
बाहर का प्रश्न
पूछा भी
नहीं जा रहा है
शहर
जिले प्रदेश
से छाँट कर
किसी
एक को
दूसरी
ऐसी ही
किसी एक
ऊँची दुकान में
सामान
बेचने
के लिये
भेजा
जा रहा है
अखबार
शहर का
बेचने और
खरीदने की
बात छोड़ कर
दुकानदार
बनाये गये
बुद्धिजीवी के
गाये गये
गाने को
समझा रहा है
सब
पके
पकाये हैं
हर कोई
एक दूसरे को
पका रहा है
विश्व के
विद्यालय के
विख्यात
व्याख्याताओं को
दो हजार उन्नीस
नजर आ रहा है
समझ में
नहीं आती हैं
कुछ बातें
तो लिखने
चला आ रहा है
लिखना
नहीं आता है
फिर क्यों
और
किसलिये
पढ़ा रहा है
लूटना
सिखाना
गिरोह बनाना
नहीं सिखा
पा रहा है
बेकार है
जिन्दगी उसकी
जो खाली
विषय
पढ़ा रहा है
‘उलूक’
तेरी बात है
मान लेते हैं
तू खुद भी
नहीं समझ
पा रहा है
दुआ
उसको दे
जो
ऐसे कूड़े पर
फिर भी
टिप्पणी
दे कर
जा रहा है ।
चित्र साभार: www.thebiharnews.in