एक बार नहीं
कई बार होता है
अपना खुद का
घर होता है और
किसी और का
करोबार होता है
हर कोई जानता है
हर किसी को
उस के घर के
अंदर अंदर तक
गली के बाहर
निकलते ही
सबसे ज्यादा
अजनबी खुद का
यार होता है
खबर होती है
घर की एक एक
घर वालों को
बहुत अच्छी तरह
घर में रहता है
फिर भी घर की
बात में ही
समाचार होता है
लिखते लिखते
भरते जाते हैं
पन्ने एक एक
करके कई
लिखा दिखता है
बहुत सारा मगर
उसका मतलब
कुछ नहीं होता है
उनके आने के
निशान कई
दिखते हैं रोज
ही अपने
आसपास
शुक्रिया कहना
भी चाहे तो
कोई कैसे कहे
नाम होता तो है
पर एक शहर
का ही होता है
शहर तक ही नहीं
पहुँच पाता है
घर से निकल
कर ‘उलूक’
देश की बात
करने वाला
उससे बहुत ही
आगे कहीं होता है ।
चित्र साभार: imgarcade.com
कई बार होता है
अपना खुद का
घर होता है और
किसी और का
करोबार होता है
हर कोई जानता है
हर किसी को
उस के घर के
अंदर अंदर तक
गली के बाहर
निकलते ही
सबसे ज्यादा
अजनबी खुद का
यार होता है
खबर होती है
घर की एक एक
घर वालों को
बहुत अच्छी तरह
घर में रहता है
फिर भी घर की
बात में ही
समाचार होता है
लिखते लिखते
भरते जाते हैं
पन्ने एक एक
करके कई
लिखा दिखता है
बहुत सारा मगर
उसका मतलब
कुछ नहीं होता है
उनके आने के
निशान कई
दिखते हैं रोज
ही अपने
आसपास
शुक्रिया कहना
भी चाहे तो
कोई कैसे कहे
नाम होता तो है
पर एक शहर
का ही होता है
शहर तक ही नहीं
पहुँच पाता है
घर से निकल
कर ‘उलूक’
देश की बात
करने वाला
उससे बहुत ही
आगे कहीं होता है ।
चित्र साभार: imgarcade.com