कि कल रात से बगल में मेरे
वो भूखा है सोया हुआ
मुझे
अपनी आफत नहीं बुलानी है
अपनी आफत नहीं बुलानी है
जो एक्स्पायरी डेट
छपे हुऎ
डिब्बा बंद खाना
बनाने की
तकनीक का कंंसेप्ट सीखकर
मेरे और
मेरे और
मेरे आस पास के
भूखे लोगों को
तमीज सिखाने भिजवाया गया है
वो
चाँद सोचता है
और बस चाँद ही खोदता है
भूखों के लिये
रोटी के सपने
तैयार करने वाली मशीन का कंंसेप्ट
उसे देने वाला
अब
तैयार करने वाली मशीन का कंंसेप्ट
उसे देने वाला
अब
भूखों को उलझाता है
इधर जब
ये प्यार से झुनझुना बजाता है
इस तरह
उसपर से बोझ सारा
अपने ऊपर ले आता है
चिन्ता सारी त्याग कर
वो चैन से चाँद खोदने
चाँद की ओर चला जाता है
ऐसे ही धीरे धीरे
एक सभ्य समाज का निर्माण
हम भूखों के लिये हो जायेगा
हम भूखों के लिये हो जायेगा
क्योंकि
बहुत से लोगों को
चाँद सोचने का
मौका हथियाने का तमीज आ जायेगा
मैं और मेरे जैसे भूखे भी
सीख लेंगे
एक दिन चाँद की
तरफ देखने की हिम्मत कर ले जाना
और भूखे पेट
लजीज खाने के सपने बेच कर
चैन से सो जाना ।
चित्र साभार: https://publicdomainvectors.org/
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