कुछ
जग बीती हो
जग बीती हो
या
कुछ आप बीती
कुछ आप बीती
यहाँ
सब बराबर होता है
ये भी
एक मिसाल है :)
एक मिसाल है :)
कभी
किसी समय
किसी समय
सब कुछ छोड़ कर
अपनी
खुद की एक
बात कह देने में
कोई बुराई नहीं है
बाकी बातें
अपनी जगह हैं
ये भी सही है
कोई
सुनता नहीं है
सुनता नहीं है
ना
किसी को
कोई
किसी को
कोई
फर्क पड़ता है
किसी के
कहते रहने से
अपना
सब कुछ
सब कुछ
समेटते समेटते
इधर उधर के
कुछ
कुछ
कुछ
उलझे उलझते
उलझे उलझते
किसी और के
कटोरों
में
बटोरे हुऐ
में
बटोरे हुऐ
तुड़े मुड़े
कागजों की
सिलवटों को
सीधा
सीधा
करते चले जाने से
ना ही
सिलवटे
सिलवटे
सीधी होती हैं
ना ही
कागज के
दर्द ही कम होते हैं
उधर की दुनियाँ में
उसके
सच्चे होने
का
भ्रम ही
भ्रम ही
तो होता है
इधर
तो सभी
तो सभी
कुछ भ्रम है
भूलभुलइया
की
गलियों में
बने हुऐ रास्तों
गलियों में
बने हुऐ रास्तों
के निशान
जिन्हें
जिन्हें
कोई भी आने
जाने वाला
देखने समझने
की कोशिश
नहीं करता है
फिर भी
भीड़
भीड़
आ भी रही है
और
जा भी रही है
ऐसे में
सब कुछ
सब कुछ
सबका लिख
दिया जाये
या
कभी अपनी
कभी अपनी
किताब का
एक कोरा पन्ना
खोल के रख
दिया जाये
एक ही बात है
उसपर
सबकुछ
सबकुछ
लिख दिये गये
और
खुद पर
कुछ नहीं
कुछ नहीं
लिखे गये
दोनो
दोनो
एक ही बात हैं
उनके लिये
जिन्हे
जिन्हे
गलियाँ पसंद हैं
निशान लगी
दीवारें नहीं ।
चित्र साभार: www.canstockphoto.com