उलूक टाइम्स

शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011

हिम्मत कर छाप

कुछ
सोचते हैं
कुछ
छांटते हैं
फिर
छलनी से
उठा कुछ
छापते हैं
क्योंकि
सच
छन जाते हैं
छोटे होते हैं
छनित्र में
चले जाते हैं

चलिये
करते हैं कुछ
उलटफेर
थोड़ा अंधेर

सभी
करना करें
शुरू
स्टेटस अपडेट
छलनी से नहीं
छनित्र से
उठा
दें कुछ
छाप यहां
बिना किसी
लाग लपेट

बबाल शुरू
हो जायेंगे
बगलें
झांकते हुवे
एक एक कर
ज्यादातर
फरमायेंगे
गलत चीजें
यहां छापी
जा रही हैं
संविधान की
फलाँ फलाँ
धारा बेशरमी
से लाँघी
जा रही है

एक सच
को
बता कर
स्पैम
रिपोर्ट
फटाफट
कर दी
जायेगी
पोस्ट
तुरन्त
डीलिट कर
सूचना
प्रसारित
की जायेगी

हो गयें है
प्रोफाईल
चोरी
चोर हैं जो
छाप
रहे हैं
अपने ही
अंदर की
कमजोरी ।