उलूक टाइम्स

सोमवार, 23 जनवरी 2012

मास्टर और वोट

वोटिंग के बचे
अब दिन नौ
सड़क पर भी
बढ़ गयी है
बहुत पौं पौं।

राष्ट्रीय पार्टी 'क' में
घुसे हुवे मेरे मित्र 'च'
पूछे मेरे मित्र 'छ' से
जो पार्टी 'ख' में बहुत
ही माने जाते हैं
स्टार प्रचारक के रूप में
भी पहचाने जाते हैं
भाई जरा बताओ
थोड़ा अंदाज लगाओ
कहां गिरा रहे हैं
मास्टर साहब
अपना एक वोट
'छ' जी मुस्कुराये
फिर भाई 'च'
को समझाये
मास्टर लोग
पढे़ लिखे माने
जाते हैं
वहुत सोच समझ
हिसाब से ही
अपना वोट
गिराते हैं
तुम्हें क्यों
नजर आ रहा
है उनकी नजर
में खोट।
मियां 'च'
ने कहकहा लगाया
'छ' जी को
फिर फुसफुसा
के बताया
राजनीतिज्ञ हैं
आप हम मानते हैं
अर्से से आपकी
काबीलियत सभी
पहचानते हैं
पर आप इन मास्टरों
को कहां जानते हैं
पढे़ लिखों की दुविधा
कहां करेगी चोट
पैराशूट लगा कर
जब गिरायेंगे ये वोट
कुछ मास्टर यहां आते हैं
क्या यहां डालेंगे वोट
कुछ मास्टर वहां
भी देखे जाते हैं
क्या वहां डालेंगे वोट
जो मास्टर कहीं नहीं
दिख रहे हैं
कैसे पता लगाओगे
कहाँ डालेंगे अपना
कीमती वोट ।