चेहरे
पर भी तो
कुछ कुछ
लिखा होता है
ना कहे
कुछ भी
अगर कोई
तब भी
थोड़ा थोड़ा सा
तो पता होता है
अपना चेहरा
सुबह सुबह ही
धुला होता है
साफ होता है
कुछ भी कहीं
नहीं कहता है
चेहरा चेहरे
के लिये एक
आईना होता है
अपना चेहरा
देखकर कुछ
कहाँ होता है
बहुत कम
जगहों पर ही
एक आईना
लगा होता है
अंदर बहुत
कुछ चल
रहा होता है
चेहरा कुछ
और ही तब
उगल रहा
होता है
दूसरे चेहरे
के आते ही
चेहरा रंग
अपना बदल
रहा होता है
चेहरे पर
कुछ लिखा
होता है
ऎसा बस
ऎसे समय
में ही तो
पता चल
रहा होता है ।
पर भी तो
कुछ कुछ
लिखा होता है
ना कहे
कुछ भी
अगर कोई
तब भी
थोड़ा थोड़ा सा
तो पता होता है
अपना चेहरा
सुबह सुबह ही
धुला होता है
साफ होता है
कुछ भी कहीं
नहीं कहता है
चेहरा चेहरे
के लिये एक
आईना होता है
अपना चेहरा
देखकर कुछ
कहाँ होता है
बहुत कम
जगहों पर ही
एक आईना
लगा होता है
अंदर बहुत
कुछ चल
रहा होता है
चेहरा कुछ
और ही तब
उगल रहा
होता है
दूसरे चेहरे
के आते ही
चेहरा रंग
अपना बदल
रहा होता है
चेहरे पर
कुछ लिखा
होता है
ऎसा बस
ऎसे समय
में ही तो
पता चल
रहा होता है ।