उलूक टाइम्स

शनिवार, 24 अगस्त 2013

रीढ़ वाला रीढ़ वाले का बिना रीढ़ वाला हुकुम का इक्का


चिढ़ लग जाती है
जब कोई कहता है 
स्पाइनलेस फैलो

लेकिन सच यही है
मुझे खुद पता नहीं है
मेरी रीढ़ की हड्डी कहाँ है

अब वो सामने तो
होती नहीं है
पीछे होती है दिखती भी नहीं है

लेकिन
मुझे पता है मैं स्पाइनलैस हूँ
इसको स्वीकार भी करता हूँ

लोगों की रीढ़ की हड्डी
बहुत ही मजबूत होती है
उनको नहीं दिखती है
मगर दूसरे को तो दिखती है

बहुत मजबूत होते हैं लोग
सब की बात समझ जाते हैं

उनको मालूम होता है
कौन लोग उनके होते हैं
और कौन खाली आ कर के
बेकार की बाते बनाते हैं

मजबूत रीढ़ की हड्डी वाले लोग
कहीं ना कहीं
एक दूसरे के साथ जरूर पाये जाते हैं
स्पाईनलैस नहीं होते हैं
इसलिये एक दूसरे का साथ निभाते हैं

दूसरी तरफ
स्पाइन्लैस फैलोस होते हैं
उनसे अपनी हड्डी संभाली नहीं जाती है

दूसरे की हड्डी को संभालने के लिये
पता नहीं क्यों चले जाते हैं
पर ये तो पक्का है
दो ही तरह के लोग पाये जाते हैं
एक रीढ़ की हड्डी वाले
और
एक मेरे जैसे
जो स्पाइनलैस कहलाते हैं

रीढ़ की मजबूत हड्डी वाले को पता होता है
उसके सामने जो खड़ा होता है
वो उसी का जैसा ही होता है
इसलिये उसका साथ देने में
उसको कुछ खतरा कहीं नहीं होता है

इसलिये इस तरह के लोग
कहीं ना कहीं साथ दिखाई दे जाते हैं

अब एक स्पाइनलैस
क्या कर सकता है
जब स्पाइनलैस के साथ
स्पाइनलैस ही नहीं आते हैं
सारे एक तरफ ही खडे़ होते जाते हैं
मिल बैठ कर भी कुछ नहीं कर पाते हैं

इसी लिये इस देश में
सारे रीढ़ की हड्डी वाले लोग
कहीं ना कहीं
किसी कुर्सी में बैठे हुऎ नजर आते हैं
एक दूसरे की मदद करते हैं
किसी की मदद नहीं चाहते हैं

बिना रीढ़ की हड्डी के लोग
कहीं लिख रहे होते हैं
ज्यादातर अकेले ही पाये जाते हैं |

चित्र साभार: https://www.clipartkey.com/