उलूक टाइम्स

सोमवार, 26 अगस्त 2013

राज्य शैक्षणिक पुरुस्कार बस दौ सौ अंको की है अब दरकार

मास्साब मिले  
पर बहुत ही
दिनों के बाद
हुई नमस्कार
पूछने लगा
उनके हाल चाल
मोटे ताजे बहुत
नजर आ रहे हो
मतलब बीमारी
से निपट के तो
नहीं आ रहे हो
जरूर कहीं
एल टी सी
पर घूम घाम
कर आ रहे हो
अरे नहीं बस
कुछ तैय्यारी
में लगा हुआ हूँ
इसलिये कहीं भी
नहीं जा रहा हूँ
अडो़स पडो़स की
शादी में भी बीबी
को भिजवा रहा हूँ
मर वर गया हो
कहीं कोई तो
बहाने कुछ नये
बना ले जा रहा हूँ
आन्दोलन सान्दोलन
से वैसे भी कोई नाता
क्या रखना हो रहा है
हड़तालियों के जुलूस
को देख कर पिछली
गली से दूसरी गली
को निकल जा रहा हूँ
अरे भाई तुम तो ऎसे
बता रहे हो जैसे कोई
पहाड़ सामने से आ कर
तुम्हारे खड़ा हो गया हो
और तुमसे उसे ना
उठाया जा रहा हो
जी नहीं ऎसा कुछ नहीं है
अब स्कूल के पाँच साल
की पढाई के मिलने
वाले हैं पच्चीस अंक
इसलिये घर पर
ट्यूशन की कक्षाऎं
चला रहा हूँ
पाँच अंक शीर्ष
अधिकारी देगा
उसके घर रोज
एक चक्कर
लगा रहा हूँ
पाँच अंक चयन समिती
के हाथ में होंगे
कौन होंगे इसमें शामिल
इसको पता लगाने का
जुगाड़ लगा रहा हूँ
रिजल्ट का रिकार्ड
भी रखना है सही
कैसे होगा ये सब
उसके लिये भी
दिमाग लगा रहा हूँ
गोपनीय होता है
यह सारा काम
अभी इस पत्ते को
आपके सामने नहीं
खोल पा रहा हूँ
छात्रों की खेल
प्रतियोगिता के भी
मिलने वाले हैं अंक
इसलिये छात्रों से
दूध घीं घर पर
ही मंगवा रहा हूँ
इसीलिये कुछ पहले
से स्वस्थ नजर मैं
तुमको आ रहा हूँ
अब तुमसे क्या छुपाना
राज्य शैक्षणिक पुरुस्कार
के लिये दौ सौ अंको
का करना पडे़गा
अब तो सभी को जुगाड़
इसलिये बिना अंको के
कैसे पहुँचा जाता है
सबसे ऊँची पायदान
ये राज नेताओं से
पूछने के लिये बीच
बीच में छुट्टी पर
राजधानी की तरफ
चला जा रहा हूँ
और क्या हाल चाल
हो रहे हैं देश के
ये तक भी आजकल
किसी से नहीं
पूछ पा रहा हूँ ।