बीच बीच में कभी कभी
आराम कर लिया कर
कुछ थोड़ी देर के लिये
आँख मुँह नाक कान
बंद कर लिया कर
बहुत बेचैनी अगर हो
प्रकृति का थोड़ा सा
ध्यान कर लिया कर
सोच लिया कर
सूरज चाँद और तारे
आसपास के जानवर
बच्चों के हाथ से छूट कर
आसमान की ओर उड़ते
भागते रंगबिरंगे गुब्बारे
सोच जरा सब कुछ
आदमी की बनाई घड़ी के
हिसाब से ही होता
चला जाता है
सोच कर ही अच्छा
लगता है ना
कहीं भी बाल भर का
अंतर नहीं देखा जाता है
तूफान भी आता है
अपने पेट के हिसाब से
खा पी कर चला जाता है
घर का कुत्ता तक अपने
निर्धारित समय पर ही
खाना मांगने के लिये
रसोई के आगे आकर
खड़ा हो जाता है
चिड़िया कौऐ बंदर सब
जैसे नियम से उसी
तरह पेश आते हैं
जैसा एक दिन पहले
कलाबाजियां कर
के चले जाते हैं
इस सब पर ध्यान
अगर लगा ले जायेगा
एक ही दिन सही
बेकार की बातों को
लिखने से बच जायेगा
बाकी तो होना वही है
तेरे आस पास हमेशा ही
कोई अपना कूड़ा आदतन
फेंक कर फिर चला जायेगा
लिख लेना बैचेनी को
अपनी उसी तरह
किसी रद्दी कागज पर
सफेद जूते और स्त्री किये
साफ सुथरे कपड़े पहन कर
सड़क पर चलने वाला
कोई सफेदपोश
कभी वैसे भी
उस कूड़े को पढ़ने
यहां नहीं आयेगा !
आराम कर लिया कर
कुछ थोड़ी देर के लिये
आँख मुँह नाक कान
बंद कर लिया कर
बहुत बेचैनी अगर हो
प्रकृति का थोड़ा सा
ध्यान कर लिया कर
सोच लिया कर
सूरज चाँद और तारे
आसपास के जानवर
बच्चों के हाथ से छूट कर
आसमान की ओर उड़ते
भागते रंगबिरंगे गुब्बारे
सोच जरा सब कुछ
आदमी की बनाई घड़ी के
हिसाब से ही होता
चला जाता है
सोच कर ही अच्छा
लगता है ना
कहीं भी बाल भर का
अंतर नहीं देखा जाता है
तूफान भी आता है
अपने पेट के हिसाब से
खा पी कर चला जाता है
घर का कुत्ता तक अपने
निर्धारित समय पर ही
खाना मांगने के लिये
रसोई के आगे आकर
खड़ा हो जाता है
चिड़िया कौऐ बंदर सब
जैसे नियम से उसी
तरह पेश आते हैं
जैसा एक दिन पहले
कलाबाजियां कर
के चले जाते हैं
इस सब पर ध्यान
अगर लगा ले जायेगा
एक ही दिन सही
बेकार की बातों को
लिखने से बच जायेगा
बाकी तो होना वही है
तेरे आस पास हमेशा ही
कोई अपना कूड़ा आदतन
फेंक कर फिर चला जायेगा
लिख लेना बैचेनी को
अपनी उसी तरह
किसी रद्दी कागज पर
सफेद जूते और स्त्री किये
साफ सुथरे कपड़े पहन कर
सड़क पर चलने वाला
कोई सफेदपोश
कभी वैसे भी
उस कूड़े को पढ़ने
यहां नहीं आयेगा !