किसी को कैसे बताऊं अपना धर्म
नहीं बता सकता
नहीं बता सकता
कुछ लोग मेरे धर्म के
शुरु कर चुके हैं रक्त पीना
वो मुर्गा नहीं खाते हैं ना ही वो बकरी खाते हैं
समझ में
बस एक बात नहीं आती है
कि वो कुत्ता क्यों नहींं खाते हैं
वो कुत्तों से प्यार भी नहीं करते हैं
ना ही कुत्ते उनको देख अपनी पूँछ हिलाते हैं
मुझे अपने सर के बाल नोचने हैं
वो व्हिस्की के नशे में कुछ लोगों को आदेश दे रहे हैं
भाई तेरी पूँछ और मेरी पूँछ का बाल हरा है
शुरु हो जा नोचना
गंजो के सिर के बालों को
सबसे अच्छा होता है
पैसा उसका धर्म है किसी को नहीं पता होता है
नंगा होना अपराध नहीं है
पैसा है तो नंगा हो जा मुनि कहलायेगा
पैसा नहीं है भिखारी कहलायेगा
नियम कानून कोर्ट नंगो के लिये नहीं होती है
नंगों की जय जयकार होती है
काश कोई नंगा मेरा भी बाप होता
मैं भी शायद कहीं आबाद होता।
चित्र साभार: www.fotosearch.com