उलूक टाइम्स

बुधवार, 31 दिसंबर 2014

भगवान जी भगवान जी होते हैं और नंगे नंगे होते हैं भगवान जी का नंगों से कोई रिश्ता नहीं होता है नंगा भगवान से बड़ा होता है


किसी को कैसे बताऊं अपना धर्म
नहीं बता सकता 

कुछ लोग मेरे धर्म के
शुरु कर चुके हैं रक्त पीना 
वो मुर्गा नहीं खाते हैं ना ही वो बकरी खाते हैं 

समझ में
बस एक बात नहीं आती है 
कि वो कुत्ता क्यों नहींं खाते हैं 
वो कुत्तों से प्यार भी नहीं करते हैं 
ना ही कुत्ते उनको देख अपनी पूँछ हिलाते हैं 

मुझे अपने सर के बाल नोचने हैं 

वो व्हिस्की के नशे में कुछ लोगों को आदेश दे रहे हैं 
भाई तेरी पूँछ और मेरी पूँछ का बाल हरा है 

शुरु हो जा नोचना
गंजो के सिर के बालों को 
सबसे अच्छा होता है 

पैसा उसका धर्म है किसी को नहीं पता होता है 

नंगा होना अपराध नहीं है 
पैसा है तो नंगा हो जा मुनि कहलायेगा 
पैसा नहीं है भिखारी कहलायेगा 

नियम कानून कोर्ट नंगो के लिये नहीं होती है 
नंगों की जय जयकार होती है 

काश कोई नंगा मेरा भी बाप होता 
मैं भी शायद कहीं आबाद होता। 

चित्र साभार: www.fotosearch.com