एक
आजाद देश के
आजादी के
आदी
हो चुके
आजाद
लोगों को
एक बार
पुन:
आजादी की
ढेर सारी
शुभकामनाएं
सुबह उठें
तिरंगा
जरूर लहरायें
तालियाँ
उसके
बाद ही बजायें
जन गण मन
साथ में गायें
मिठाइयाँ बटवाऐं
कुछ भाषण
खुद फोड़े
कुछ इनसे
और
कुछ उनसे
फुड़वायें
देश प्रेम से
भरे भरे
पाँव से
सिर तक
ही नहीं
उसके
ऊपर ऊपर
कहीं तक
भर भर जायें
इतना भरें
शुद्ध पारदर्शी
स्वच्छ गँगाजल
की तरह
छलछ्ल कर
छलछलाते हुऐ दूर
बहुत दूर से भी
साफ साफ
नजर आयें
दूरदर्शन
आकाशवाणी
से उदघोषणा
करवायें
समाचार
लिख लिखा
कर ढेर सारी
प्रतियों में
फोटो कापी
करवायें
माला डाले
सुशील संभ्रांत
किसी ना किसी
व्यक्ति का फोटो
रंगीन खिंचवायें
एक दो नहीं
घर शहर देश
प्रदेश के
सभी अखबार
में छपवाने
के लिये
घर के खबरी
को दौड़ायें
दिन निकले
इसी तरह
खुशी खुशी
शामे दावत
की तैयारी में
जुट जायें
आजादी के
होकर गुलाम
फिर वही सब
रोज का करने को
वही सब काम
एक गीता
बगल में दबा कर
शुरु वहीं से
जहाँ रुके थे
फिर से शुरु हो जायें
एक
आजाद देश के
आजादी के
आदी हो चुके
आजाद लोगों को
एक बार पुन:
आजादी की
ढेर सारी
शुभकामनाएं।
चित्र साभार: happyfreepictures.com
आजाद देश के
आजादी के
आदी
हो चुके
आजाद
लोगों को
एक बार
पुन:
आजादी की
ढेर सारी
शुभकामनाएं
सुबह उठें
तिरंगा
जरूर लहरायें
तालियाँ
उसके
बाद ही बजायें
जन गण मन
साथ में गायें
मिठाइयाँ बटवाऐं
कुछ भाषण
खुद फोड़े
कुछ इनसे
और
कुछ उनसे
फुड़वायें
देश प्रेम से
भरे भरे
पाँव से
सिर तक
ही नहीं
उसके
ऊपर ऊपर
कहीं तक
भर भर जायें
इतना भरें
शुद्ध पारदर्शी
स्वच्छ गँगाजल
की तरह
छलछ्ल कर
छलछलाते हुऐ दूर
बहुत दूर से भी
साफ साफ
नजर आयें
दूरदर्शन
आकाशवाणी
से उदघोषणा
करवायें
समाचार
लिख लिखा
कर ढेर सारी
प्रतियों में
फोटो कापी
करवायें
माला डाले
सुशील संभ्रांत
किसी ना किसी
व्यक्ति का फोटो
रंगीन खिंचवायें
एक दो नहीं
घर शहर देश
प्रदेश के
सभी अखबार
में छपवाने
के लिये
घर के खबरी
को दौड़ायें
दिन निकले
इसी तरह
खुशी खुशी
शामे दावत
की तैयारी में
जुट जायें
आजादी के
होकर गुलाम
फिर वही सब
रोज का करने को
वही सब काम
एक गीता
बगल में दबा कर
शुरु वहीं से
जहाँ रुके थे
फिर से शुरु हो जायें
एक
आजाद देश के
आजादी के
आदी हो चुके
आजाद लोगों को
एक बार पुन:
आजादी की
ढेर सारी
शुभकामनाएं।
चित्र साभार: happyfreepictures.com