कई दिन से
थोड़ा थोड़ा
फटे हुऐ
शब्दों को
एक
रफूगर
रफू कर रहा है
पूछने पर
बोला
बहुत धीमे से
थोड़ा थोड़ा
फटे हुऐ
शब्दों को
एक
रफूगर
रफू कर रहा है
पूछने पर
बोला
बहुत धीमे से
बस
फुसफुसा कर
बहुत
दिनों में
मिला है
काम बाबू
एक पागल
दे गया है
कह रहा था
पन्द्रह अगस्त
नजदीक है
आजादी
लिखने का
बहुत मन
कर रहा है
फटे कपड़े
के कुछ टुकड़े
उसी गली के
अगले छोर
का एक दर्जी
मन लगा कर
सिल रहा है
किसलिये
और क्यों
क्या
नया कपड़ा
अब बाजार में
नहीं मिल रहा है
बहुत
आजाद हो चुके थे
कुछ रंगीन कपड़े
ढूँढ कर लाये
गये हैं जनाब
सिलने लगा
यूँ ही तब
देखा नहीं
गया जब
पुराना झंडा
आजादी का
अपने ही
टुकड़ों के लिये
बैचेनी में
मचल रहा है
बन्धन
नहीं है कुछ भी
कुछ भी कह देने
और
कुछ भी कर देने
को आतुर
आजाद
नये शब्दों की
नयी किताब के
आजाद पन्नों
को साथ लेकर
'उसके' घर से
तैयार होकर
बहस के लिये
अब निकल रहा है
आजादी
का मतलब
शायद इसीलिये
‘उलूक’ को
कहीं किसी भी
शब्दकोश में
नहीं मिल रहा है।
चित्र साभार: https://carwad.net
फुसफुसा कर
बहुत
दिनों में
मिला है
काम बाबू
एक पागल
दे गया है
कह रहा था
पन्द्रह अगस्त
नजदीक है
आजादी
लिखने का
बहुत मन
कर रहा है
फटे कपड़े
के कुछ टुकड़े
उसी गली के
अगले छोर
का एक दर्जी
मन लगा कर
सिल रहा है
किसलिये
और क्यों
क्या
नया कपड़ा
अब बाजार में
नहीं मिल रहा है
बहुत
आजाद हो चुके थे
कुछ रंगीन कपड़े
ढूँढ कर लाये
गये हैं जनाब
सिलने लगा
यूँ ही तब
देखा नहीं
गया जब
पुराना झंडा
आजादी का
अपने ही
टुकड़ों के लिये
बैचेनी में
मचल रहा है
बन्धन
नहीं है कुछ भी
कुछ भी कह देने
और
कुछ भी कर देने
को आतुर
आजाद
नये शब्दों की
नयी किताब के
आजाद पन्नों
को साथ लेकर
'उसके' घर से
तैयार होकर
बहस के लिये
अब निकल रहा है
आजादी
का मतलब
शायद इसीलिये
‘उलूक’ को
कहीं किसी भी
शब्दकोश में
नहीं मिल रहा है।
चित्र साभार: https://carwad.net