उलूक टाइम्स

शुक्रवार, 15 अप्रैल 2016

सीन होता है फिल्म का होता है जिसमें कुछ गधे होते हैं जो सारे घोडो‌ को लाईन में लगा रहे होते हैं

कैसे कहे कोई
होना हमेशा ही
नियम से
ही होता है
अगर होता है
मान भी लिया
होता ही है
तो फिर
समझाइये
गधों में से
सबसे बेकार
का एक गधा
सबसे अच्छे
घोड़े के अस्तबल
में घोड़ो के बीच
घोड़ा बन कर
कैसे अपनी टेड़ी
पूँछ को सीधा
तान कर
खड़ा होता है
बताइये
गधे के अस्तबल
में दिखने के
दिन से ही कैसे
सारे गधों का
अच्छा दिन
कैसे शुरु होता है
हर जगह गधा
और तो और
जहाँ किसी की
जगह नहीं
होती है उस
 जगह पर भी
कोई ना कोई
गधा सो
रहा होता है
गधा गधे के
लिये भाषण
घोड़ो के सामने
दे रहा होता है
किस तरह घोड़ा
गधे की तीमारदारी
में लगा होता है
गधा ना होने
का अफसोस
किसी को
नश्तर चुभो
रहा होता है
कैसे सारे गधे
एक हो कर
नारे लगाना
शुरु हो रहे होते हैं
गधे के सारे
रिश्तेदार घोड़ों
 की जगह पर
नजर आ रहे
हो रहे होते हैं
पूँछ हिला रहे
होते हैं मुस्कुरा
रहे होते हैं
बस अपने होने
का कुछ बताने
से कतरा रहे होते हैं
कैसे एक इलाके
के सारे गधे
घोड़े हैं करके
अखबार के उसी
इलाके के गधों के
द्वारा दिखाये
जा रहे होते हैं
गधों का इलाका
गधे कहीं भी नहीं
नापने जा रहे होते हैं
घोड़े अपने टापों की
आवाज पर मगन
हो कर गा रहे होते हैं
कोई फर्क नहीं
पड़ रहा होता है
उनके घोड़ेपन पर
रोज गधों की दुलत्ती
जो खा रहे होते हैं
फिर भी मुस्कुरा
रहे होते हैं ।

चित्र साभार: www.shutterstock.com