उलूक टाइम्स

बुधवार, 12 अगस्त 2020

बन्द दिमाग एक जगह गुटरगूँ करते हुऐ नजर आयेंगे अपनी सोच ले तू कहाँ जायेगा

 

ऐ कबूतर 
कौओं के बीच घिरा रहता है 
काँव काँव 
फिर भी नहीं सीखता है 
बस अपनी 
गुटुर गूँ करने में लगे रहता है 

बहुत दिन 
नहीं चलने वाली है 
तेरी ये मनमानी 
कौओं के राजा ने 
पता होना चाहिये तुझे भी 
है कुछ अपने मन में करने की ठानी 

सारे कौए 
सफेद रंग में रंग दिये जायेंगे 
मोटी चौंच के कबूतर हर तरफ हर जगह 
नजर गढ़ाये नजर आयेंगे 

कबूतर के लिये 
खाली सारी जगहों पर 
कौऐ कबूतर बना कर भर दिये जायेंगे 

कबूतर कबूतर से 
चौंच लड़ाते 
गुटरगूँ गुटरगूँ करते बैठे ठाले 
अपने घौंसलों में 
पंजे लड़ाते नजर आयेंगे 

सीख 
क्यों नहीं लेता है 
थोड़ा सा कौआ हो जाना 
जमाने के साथ चलना 
एक नयी भाषा सीखना 
द्विभाषी हो विद्वानों में गिना जाना 

कबूतर हो कर भी 
कौओं के साथ नजर आयेगा 
बड़ा नहीं भी मिलेगा 
थोड़ा छोटा ही सही 
टुकड़ा कटे मुर्गे की टाँग का 
हाथ में आ पायेगा 

इज्जत बढ़ेगी अलग से 
कौओं के समाज में 
अखबार वाला भी 
तेरे लिये एक बड़ी 
फर्जी खबर छापने में 
देरी नहीं लगायेगा 

क्या फायदा वैसे भी
कबूतर बने रहने में 
उस जगह 
जहाँ किसी पीर के 
बकरी चरखा तकली का 
नाम तक 
जान बूझ कर मिटा दिया जाता हो 
हजारों करोड़ खर्च कर 
बीट करने के लिये 
एक मूरत खड़ी करके 
सरेआम खुले आसमान के नीचे 
कबूतरों को रिझाने के लिये 
रख दिया जाता हो 

समय खराब है 
नहीं कह देना 
कहीं कभी भूल कर भी 

सारे 
अच्छे समय के नशे में मदहोश 
अच्छी सोच के कबूतर हो चुके 
कौओं के द्वारा 
उसी समय नोच खाया जायेगा 

बन्द कर के दिमाग अपना 
सोचना शुरू कर दे अभी से 
खोदना किसी सूखे पेड़ का कोटर 
कहीं भी किसी वीराने में 

‘उलूक’ जल्दी ही 
कबूतरों और 
कौओं के बीच 
तकरार करवाने का 
इल्जाम मढ़ कर 
तुझे भी दो गज जमीन 
मरने के बाद की से 
मरहूम कर दिया जायेगा।