अविनाश वाचस्पति
कभी थे मुन्नाभाई
अन्ना
का हुवा जब
अवतरण देव रुप सा
चिपका
लिया इन्होने
भी
अन्नाभाई
और
अन्नाभाई
और
दिया मुन्नाभाई
को
को
विश्राम का आदेश
अभी तक
मुलाकात
तो हुवी नहीं
पर होंगे
पर होंगे
एक अदद आदमी ही
ऎसा महसूस
होता
सा रहता है
हमेशा
हमेशा
बड़े अजब गजब
से
करतब दिखाते हैं
करतब दिखाते हैं
शब्दों के
कबूतर
बना
यहां से वहां
यहां से वहां
हमेशा उड़ाते हैं
और
हम पकड़ने
के लिये
जाल भी बिछा दें
तो भी नहीं
पकड़
पकड़
पाते हैं
जब भी करी
जब भी करी
कोशिश
अपने को ही
अपने को ही
शब्दों के मायाजाल
से घिरा पाते हैं
ब्लागिंग
का रोग
बहुत फैलाया है
थोड़ा सा वायरस
इधर भी आया है
इनको
तो नींद भी
कहाँ आती है
ये तो सोते हैं नहीं
हमें सपने में डराते हैं
इनके ब्लागों में
कितना माल समाया है
हम तो चटके लगाने में
ही
भटक जाते हैं
भटक जाते हैं
इनके उपर लिखने
के लिये
बहुत सामान
बहुत सामान
हो गया है जमा
अब जरूरत है
एक
बड़ी आस की
और
और
एक अदद राम के
तुलसीदास
की
देखिये
कब तक
ढूँढ कर ला पाते हैं।
की
देखिये
कब तक
ढूँढ कर ला पाते हैं।
जय हो गुरूजी की !
जवाब देंहटाएंअन्ना भाई कमाल के हैं,
जवाब देंहटाएंकमाल कल भी करते थे
और आज भीइ कर रहें।
उंगलिया तोड़ कीबोर्ड खटखटाते हैं।
माऊस मटका कर चटका लगाते हैं।
कभी ये खाट पर या
खाट इन पर पड़ जाती है
कविताएं इन्ही वाकयों से आती है।
हा हा हा हा जय हो अन्ना की
जय हिन्द
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जवाब देंहटाएंFrom Computer Addict
Study MBBS in Philippines
जवाब देंहटाएंStudents are mostly confused now with all the countries and consultancies offering attractive fees and exaggerating all the conditions available in the universities. When it comes to all the other countries that are offering “study MBBS abroad” for years have their own Pros and cons. Every single student willing to study MBBS abroad should have personal research and a thorough understanding of the various countries and universities in general.