एक
बड़े से देश के छोटे छोटे लोकतंत्रों में
आंख बंद और मुह बंद करना
सीख
बड़े से देश के छोटे छोटे लोकतंत्रों में
आंख बंद और मुह बंद करना
सीख
वरना भुगत
अरे
हम अगर कुछ खा रहे हैं
तो देश का लोकतंत्र भी तो
बचा रहे हैं
बचा रहे हैं
देख नहीं रहा है
कितनी बड़ी बीमारी है
एक बड़े लोकतंत्र के
सफाई अभियान की बड़ी सी
तैयारी है
सफाई अभियान की बड़ी सी
तैयारी है
सारी आँखे
लगी हुवी है भोर ही से बाबाओं की ओर
बता
अगर हम ही नहीं जाते
जलूस में टोपियां नहीं दिखाते
तो तुम्हारे बाबा जी क्या कुछ कर पाते
सीख कुछ तो सीख
घर की बात घर में रख
बाहर जा अपने को परख
अरे बेवकूफ
खा भी ले थोड़ी सी घूस
कुछ नहीं जायेगा
कुछ नहीं जायेगा
थोड़ा जमा करना
थोड़ा बाबा को देना छोटा पाप कटा लेना
थोड़ा बाबा को देना छोटा पाप कटा लेना
बड़े पुण्य से एक बड़े लोकतंत्र को बचा
छोटा लोकतंत्र
अगर डूब भी जायेगा तेरा क्या जायेगा
अगर डूब भी जायेगा तेरा क्या जायेगा
सोच
बड़ा अगर
भूल से गया डूब छोटा क्या कहीं रह पायेगा
और तू कल
किसको फिर मुंह दिखायेगा ?
चित्र साभार : https://www.facebook.com/BabaLokTantra/
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (30-11-2014) को "भोर चहकी..." (चर्चा-1813) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच के सभी पाठकों को
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं