हमेशा
ढलती शाम के चाँद की बात करना
और खो जाना चाँदनी में
गुनगुनाते हुऐ लोरियाँ
सुनी हुयी पुरानी कभी
सुनी हुयी पुरानी कभी
दादी नानी के पोपले मुँह से
ऐसा नहीं होता है
कि सूरज नहीं होता है
कि सूरज नहीं होता है
सवेरे का कहीं
फिर भी
रात के घुप्प अंधेरे में
रात के घुप्प अंधेरे में
रोशनी से सरोबार हो कर
सब कुछ साफ सफेद का कारोबार
करने वाले
ही पूछे जाते हैं हर जगह
करने वाले
ही पूछे जाते हैं हर जगह
जरूरी भी हो जाता है
अनगिनत टिमटिमाते तारों की
चपड़ चूँ से परेशान
चाँदनी बेचने के काम में मंदी से हैरान
थके हुऐ से
भारी बहीखातों के बोझ से दबे
झुँझलाये कुमह्लाये
देव के
कोने कोने स्थापित देवदूतों में
कोने कोने स्थापित देवदूतों में
काल और महाकालके दर्शन पा कर
तृप्त हो लेने में भलाई है
और सही
केवल दिन के चाँद को
और रात के सूरज को सोच लेना ही है
तारों की चिंता
चिता के समान हो सकती है
करोड़ों और अरबों का क्या है
कहीं भी लटक लें खुद ही
अपने आसमान ढूँढ कर
किसलिये बाँधना है
अराजकता को नियमों से
अच्छा है आत्मसात कर लिया जाये
कल्पनाएं
समय के हिसाब से जन्म ना ले पायें
उन्हें कन्या मान कर
भ्रूण को पैदा होने से पहले ही
शहीद कर दिया जाये
महिमा मण्डित करने के लिये
परखनली में पैदा की गयी कल्पनाएं
सोच में रोपित की जायें
प्रकृति के लिये भी
कुछ बंधन बनाने की
ताकत है किसी में
वही पूज्यनीय हो जाये
अच्छा होगा ‘उलूक’
उसी तरह
जैसे माना जाता है
कि दाग अच्छे होते हैं ।
चित्र साभार: https://www.jing.fm/
महिमा मण्डित
जवाब देंहटाएंकरने के लिये
परखनली
में
पैदा की गयी
कल्पनाएं
सोच में
रोपित की जायें
सादर नमन..
WAH
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 19 दिसंबर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार २० दिसंबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
बहुत खूब कही
जवाब देंहटाएंवाह! क्या बात है
जवाब देंहटाएंबहुत गहराई तक भेदती दृष्टि।
जवाब देंहटाएंअप्रतिम।
बढ़िया है 😲
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(२१ -११ -२०१९ ) को "यह विनाश की लीला"(चर्चा अंक-३५५६) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
वाह बेहतरीन 👌
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
22/12/2019 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
मोबाइल में सही-सही खुला है वेब पेज..
जवाब देंहटाएंकल कम्प्यूटर पर देखूँगा..
सादर नमन..