उलूक टाइम्स: बकवास करने वाले हैं कुछ बेगार ही सही बेगार लिख रहे हैं

शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

बकवास करने वाले हैं कुछ बेगार ही सही बेगार लिख रहे हैं


सबसे अच्छा है
कुछ नहीं लिखना
कई कई दिनों तक
पन्नों में नहीं दिखना

किसी ने पूछना नहीं है
 क्यों नहीं दिख रहे हो
किसे मतलब है
कहने से
किसलिये
बकवास करने से आजकल बच रहे हो

लिखने लिखाने वाले सभी
कुछ ना कुछ लिख रहे हैं
सब अपनी अपनी जगह पर
अपने हिसाब से दिख रहे हैं

कोई देश लिख रहा है
कोई प्रदेश लिख रहा है
कोई शहर लिख रहा है
कोई प्रहर लिख रहा है

किस ने रोका है तुझे लिखने से
नहर लिख
किसी ने नहीं कहना है
किसलिये नहर लिख रहा है

जो हो रहा है
उसे उसी तरह किसने लिखना है
कुछ हिसाब किताब
बही खाते के हिसाब से लिख
और पूछ
लिखने वाले से
क्या जी एस टी दे कर आया है
जो किताब लिख रहा है

कुछ सरकार लिख रहे हैं
कुछ बेकार लिख रहे हैं
बेगार लिखना गुनाह नहीं है
राग दरबार लिख रहे हैं
लिख ‘उलूक’ लिख
तेरे लिखने से
कुछ नहीं कर सकने वाले
लिखने लिखाने के तरीके के
कारोबार लिख रहे हैं

समझ में आना ना आना
अलग बात है
कुछ तो है कहीं यहीं
लिखने लिखाने वालो के लिये
बकवास करने वाले हैं कुछ
बेगार ही सही
बेगार लिख रहे हैं।

चित्र साभार: http://clipart-library.com/


27 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(३०-०१-२०२१) को 'कुहरा छँटने ही वाला है'(चर्चा अंक-३९६२) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    --
    अनीता सैनी

    जवाब देंहटाएं
  2. सबसे अच्छा है
    कुछ नहीं लिखना
    कई कई दिनों तक
    पन्नों में नहीं दिखना....
    क्या खूब। ।।।। एक बेहतरीन नजरिया, और प्रतीकात्मक टिप्पणी। ।।।।
    हमेशा की तरह प्रभावशाली व्यंग।।।।

    जवाब देंहटाएं
  3. लिख ‘उलूक’ लिख
    तेरे लिखने से
    कुछ नहीं कर सकने वाले
    लिखने लिखाने के तरीके के
    कारोबार लिख रहे हैं ;)
    यूँ ही लिखना जारी रहे। वाह!

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह, आप बहुत खूब लिख रहे हैं शुभप्रभात नमन

    जवाब देंहटाएं
  5. जो हो रहा है
    उसे उसी तरह किसने लिखना है
    बहुत बहुत सुदर |

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह बहुत खूब !
    लिखने से कहां तकदीर बदलनी हैं किसी की।
    लेख विधना ने लिख दिये जो होने वाले है।
    फिर भी लिखता चल ऐ कलम के सिपाही
    भाग्य नहीं पर शायद इतिहास ही बदलने वाले हैं।
    अप्रतिम।

    जवाब देंहटाएं

  7. जय मां हाटेशवरी.......

    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    31/01/2021 रविवार को......
    पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में. .....
    सादर आमंत्रित है......
    जय मां हाटेशवरी.......

    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    31/01/2021 रविवार को......
    पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में. .....
    सादर आमंत्रित है......


    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    https://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद



    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    https://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  8. कुछ भी न कहा और कह भी गए, कुछ कहते कहते रह भी गए - - ( तनवीर नक़वी ), एक अल्हदा अन्दाज़े बयां हमेशा की तरह बहुत कुछ कह जाती है। नमन सह।

    जवाब देंहटाएं
  9. कुछ भी लिखने की मनाही तो नहीं
    बेगार या बकवास ही है तबाही तो नहीं
    ----
    जी प्रणाम सर।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  10. क्या बात है... बहुत ख़ूब
    एकदम बेबाक लेखनी
    साधुवाद आदरणीय जोशी जी 🙏

    जवाब देंहटाएं
  11. बेहतरीन कविता |हार्दिक शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  12. सच है, किसी ने नहीं पूछना है क्यों नहीं दिख रहे हो

    जवाब देंहटाएं
  13. सब अपनी अपनी जगह पर
    अपने हिसाब से लिख रहे हैं -कोई ऐसा ,कोई वैसा.

    जवाब देंहटाएं
  14. वाह! वाह! वाह!
    क्या लिखा माननीय...।
    अद्भुत।

    कुछ सरकार लिख रहे हैं
    कुछ बेकार लिख रहे हैं
    बेगार लिखना गुनाह नहीं है
    राग दरबार लिख रहे हैं
    लिख ‘उलूक’ लिख
    तेरे लिखने से
    कुछ नहीं कर सकने वाले
    लिखने लिखाने के तरीके के
    कारोबार लिख रहे हैं

    जवाब देंहटाएं
  15. 'लिखने लिखाने वालो के लिये
    बकवास करने वाले हैं कुछ
    बेगार ही सही
    बेगार लिख रहे हैं'


    बिल्कुल सही कहा सर!

    जवाब देंहटाएं
  16. कुछ नहीं लिखना
    कई कई दिनों तक
    पन्नों में नहीं दिखना

    किसी ने पूछना नहीं है
    क्यों नहीं दिख रहे हो
    किसे मतलब है
    कहने से
    किसलिये
    बकवास करने से आजकल बच रहे हो..बहुत ही सारगर्भित लेखन ..अद्भुत व्यंगात्मक शैली..हमेशा की तरह शानदार..

    जवाब देंहटाएं
  17. लिखने लिखाने वाले सभी
    कुछ ना कुछ लिख रहे हैं
    सब अपनी अपनी जगह पर
    अपने हिसाब से दिख रहे हैं

    कोई देश लिख रहा है
    कोई प्रदेश लिख रहा है
    कोई शहर लिख रहा है
    कोई प्रहर लिख रहा है
    सही बात है अपने अपने हिसाब से सभी लिख रहे हैं और उलूक सबके हिसाब से लिख रहे हैं....
    वाह!!!

    जवाब देंहटाएं
  18. World Forestry Day Poemsदोस्ती | नदी | विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर कविता| World Consumer Right Poem in HindiMustool Kise Kahte Hain | मुस्तूल किसे कहते हैPoem Environment Shivratri Poems in Hindiपरीक्षा | Exams in Hindiछत्रपति शिवाजी महाराज कविता। महिला दिवस महिला दिवस पर हिन्दी Kavitaसूर्य वायु प्रदूषण पर कविता। Air Pollution In Hindiमा पर कविताए | Poem In Hindi On Maaमा | Hindi Poem For Motherभारत के स विधान | Constitution Day in HindiBest Friend Poems That Make You Cry In HindiTere Jaane Se Meri Jaan Chali Jayegi Poetry By Nitya Singhकलम | Pen In HindiPoem For Class 3 Students In Hindi | Short Poemवादा पर कविता। Promise In Hindiगा व इन हि दी | Village In Hindiटाइम समय | Time In Hindiपानी जल हि नारी अत्याचार अपमान इन हि दी| Nari Atyachar Par Kavitaनारी शक्ति पर कविता। Nari Shakti In Hindiमह गाई पर कविता। Menhgai In Hindiसुभाष चन्द्र बोस | Subhash Chand Bose in Hindiश्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हिन्दी कविता | Krishna Janmashtami in Hindiस्वामी दयान द सरस्वती किसान पर कविताए | Farmers in Hindi

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत प्यारा संगीत है, धन्यवाद. टूटा हुआ लेकिन सुंदर 3 गाने (broken but beautiful 3 songs)

    जवाब देंहटाएं