अखबार में
फोटो आई है
सारा घर मगन है
मालिक
कभी दिखाया नहीं जाता है
घर के कुत्ते ने बहुत धूम मचाई है
घर में
भौंकता नहीं है कभी
कटखन्ने होने की मिठाई है
किसी को
कभी काटा नहीं
किसी को कभी भौंका नहीं
अपने को बचाने की कीमत मिली है
या
किसी ने कीमत चुकाई है
बजट
अभी अभी निकला है
जनता समझ नहीं पायी है
कुत्ते कुत्ते
पट्टे पट्टे
खबर किस ने पहुंचाई है
खबर
मगर लाजवाब आई है
मालिक की
खबर की जगह
एक कुत्ते की खबर
हमेशा पव्वे के सहारे
अद्धे ने पहुंचाई है
कुत्ता
घूमता रहता है शहर शहर
मालिक की आज बन आई है
कुत्ते ने
अखबार में जगह पा कर
मालिक को दी बधाई है
जय जय कार है अखबार की
गजब की खबर एक आज बना के दिखाई है
कुत्ते को पता नहीं है कुछ भी
उसने आज भी उसी तरह अपनी पूंछ हिलाई है
मालिक सोच में पड़ा है
उसकी खबर किसने क्यों और कैसे उड़वाई है
‘उलूक’
कुत्ते पाला कर
शहर में भी भेजा कर
अखबारों की जरूरत आज बदल कर
नई सोच उभर कर आई है
अच्छा करना
ठीक नहीं
कुत्ते ने कुत्ते के ऊपर भौंक कर
आज अखबार के पन्ने पर जगह पाई है ।
ग़ज़ब!
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक ने हटा दिया है.
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 2028...कलेंडर पत्र-पत्रिकाओं में सिमट गया बसंत...) पर गुरुवार 04 फ़रवरी 2021 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 03 फरवरी को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंवाह,बेहतरीन।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंखबरों के बदलते स्वरूप पर बेहतरीन व्यंग्य।
जवाब देंहटाएंकुत्ता है लावारिस हो पालतू
जवाब देंहटाएंवफ़ादारी तो उदाहरणार्थ हैं
भौंकनै वाली प्रजाति और किस्म
छापकर अख़बार भी कृतार्थ है।
----
प्रणाम सर
सादर।
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार (०४-०२-२०२१) को 'जन्मदिन पर' (चर्चा अंक-३९६७) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
--
अनीता सैनी
बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएं‘उलूक’
कुत्ते पाला कर
शहर में भी भेजा कर
अखबारों की जरूरत आज बदल कर
नई सोच उभर कर आई है
अच्छा करना
ठीक नहीं
कुत्ते ने कुत्ते के ऊपर भौंक कर
आज अखबार के पन्ने पर जगह पाई है ।बहुत खूब सर..बहुत ही बढ़िया व्यंग..
चकित रह जाती हूँ
जवाब देंहटाएंगज़ब!
जवाब देंहटाएंखबरों के गिरते स्तर पर शानदार व्यगंय ।
लाजवाब सृजन ।
जवाब देंहटाएंरोचक। खबरे बस जगह भरने के लिए ही रह गयी हैं। स्तर तो इनका गिरता जा ही रहा है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह लाजबाब ,सादर नमन आपको
जवाब देंहटाएंवर्तमान परिपेक्ष्य में बेहतरीन प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंकुत्तों के दिन भी फिर रहे हैं ! अभी विदेश से कुछ के भौंकने की खबर आई है
जवाब देंहटाएंवाह भाई जी
जवाब देंहटाएंक्या कमाल का कटाक्ष करते हैं
हमेशा की तरह जबरदस्त
इंसान - इंसान में ही नहीं,
जवाब देंहटाएंकुत्ते - कुत्ते में भी फर्क होता है
ये बात आपने फिर याद दिलाई है।
तीखा व्यंग्य।
क्या बात है ।
जवाब देंहटाएंघर में
जवाब देंहटाएंभौंकता नहीं है कभी
कटखन्ने होने की मिठाई है
किसी को
कभी काटा नहीं
किसी को कभी भौंका नहीं
अपने को बचाने की कीमत मिली है
या
किसी ने कीमत चुकाई है
बस ये कीमत का असर है...कीमत पाकर तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं फिर ये तो कुत्ते की वफाई है....।
वाह!!!
लाजवाब।
Nice Information Thanks For Sharing
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार व्यंग्य प्रदान किया अपने. शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंRead, Convert BTC to SGD Via Bitcoin Atm
प्रभावशाली निर्भीक लेखन।
जवाब देंहटाएंकुत्ता है तो क्या नाम तो मालिक का है.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सृजन
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही बेहतरीन
जवाब देंहटाएंअपने टाइटल से ही कही पर निगाहें कहीं पर निशाना ठोक देते हैं आप ...
जवाब देंहटाएंबहुत तीखी रचना है ... लाजवाब ...
बहुत बहुत सराहनीय व्यंग
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर व्यंग।
जवाब देंहटाएंWaah Awesome !!
जवाब देंहटाएंDuji Vaar Pyar Lyrics