उलूक टाइम्स: बेशरम ‘उलूक’ है शरम किसी की तीमारदार है खरीददार रखियेगा

बुधवार, 28 जुलाई 2021

बेशरम ‘उलूक’ है शरम किसी की तीमारदार है खरीददार रखियेगा


बेशरम
कुछ दिन शाँति रही
फिर आ गया लिखने
शरम
कह दे मुआफ करियेगा

समझ में
आ गया तो ठीक
नहीं भी आया तो भी ठीक
कह ले
दिल साफ रखियेगा

बताना
जरूरी है
काम दिये गये और किये गये कुछ
जरूर कुछ हिसाब रखियेगा

बात
समझानी है
कुत्ता घुमाने के काम की
हजूर
कान खोल कर जरा साफ रखियेगा

बहुत
बड़ी है मगर है
तमन्ना है
कुछ कर दिखाने की
सब की होती है याद रखियेगा

हाथ में
दी जाती है
बस पूँछ कुत्ते की
सम्भाल कर
रखने के लिये
उसके बालों के लिये
खिजाब रखियेगा

किसी के
हाथ में सिर दिया जाता है
किसी को पट्टा
किसी को दी जाती है चेन
होशो हवाश रखियेगा

कुत्ता
घुमाने का काम
कभी हो तो कैसे हो
मिलते नहीं
सभी एक साथ
डर है
आदेश है एक सरकार है
जी ओ की किताब रखियेगा

लिखना लिखाना
लिख दिया गया है
किसी का किसी को बताना
गजब है
बहूत ही असरदार है
कुछ ख्वाब रखियेगा

किसी के लिखे का
किसी का
कभी भी ना देख पाना

‘उलूक’ अंधा है
या
किसी की आँख बीमार है
याद रखियेगा ।

चित्र साभार: https://www.dreamstime.com/

20 टिप्‍पणियां:

  1. रख लीजिए,समझ लीजिए
    बातें सारी
    अपने सहूलियत के हिसाब से
    जो न कह सकी क़लम मेरी
    उस राज़ को इशारों में
    आबाद रखिए।
    -----
    प्रणाम सर
    सादर।

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  2. लिखना लिखाना
    लिख दिया गया है
    किसी का किसी को बताना
    गजब है
    बहूत ही असरदार है
    कुछ ख्वाब रखियेगा//
    बहुत बढिया ! उलूक दर्शन जब आयेगा दर्शन में एक अध्याय और जोड़कर | बेहतरीन व्यंग ! शुभकामनाएं और बधाई सुशील जी |

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  3. किसी के
    हाथ में सिर दिया जाता है
    किसी को पट्टा
    किसी को दी जाती है चेन
    होशो हवाश रखियेगा
    ...कुत्ते को आधार बना के आपने बहुत बड़ी बात कह दी,सुंदर सृजन ,बहुत शुभकामनाएं।

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  4. आज तो कईयों को लपेट लिया है इस रचना में ...
    बहुत खूब ...

    जवाब देंहटाएं
  5. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार ३० जुलाई २०२१ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  6. असरदार,
    तीमारदार,
    बीमार,
    सरकार
    बेनाम
    खरीददार
    ग़ज़ब

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  7. खिजाब वाली बात ज़ोरदार लगी ।।
    बेहतरीन व्यंग्य ।

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  8. वाह!बेहतरीन । कुत्ता धुमाने का काम साँझे में । काम होता नहीं ...धारदार कलम से धारदार व्यंग ।

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  9. उलक तो रात में भी देख लेता है, वह भला अंधा कहाँ से रहा! बाक़ी का पता नहीं!!! बहुत सुंदर रचना।

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  10. कुत्ता
    घुमाने का काम
    कभी हो तो कैसे हो
    मिलते नहीं
    सभी एक साथ
    डर है
    आदेश है एक सरकार है
    जी ओ की किताब रखियेगा
    कुछ रखें ना रखें ये हिदायतें साथ रखियेगा
    अपनी ही तरह का लाजवाब व्यंग
    वाह!!!

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  11. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(३१-०७-२०२१) को
    'नभ तेरे हिय की जाने कौन'(चर्चा अंक- ४१४२)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  12. सदैव की भांति लाजवाब व्यंगात्मक सृजन ।

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  13. किसी का किसी को बताना
    गजब है
    बहूत ही असरदार है
    कुछ ख्वाब रखियेगा

    किसी के लिखे का
    किसी का
    कभी भी ना देख पाना

    ‘उलूक’ अंधा है
    या
    किसी की आँख बीमार है
    याद रखियेगा । तीखापन का असर जो दिलो दिमाग़ पर दीर्घ समय तक गहरा असर छोड़ जाता है, हमेशा की तरह बेहद प्रभावशाली रचना - - साधुवाद सह मान्यवर।

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