उलूक टाइम्स: लिखना कूड़ा कुछ फैलाना सफाई से कुछ

रविवार, 30 नवंबर 2025

लिखना कूड़ा कुछ फैलाना सफाई से कुछ

 

कुछ वो भी नहीं लिख रहे कुछ
कुछ हम भी नहीं लिख रहे कुछ  

कहीं वो भी नहीं दिख रहे हैं कुछ
वहीं हम भी नहीं दिख रहे हैं कुछ

कहा है उन्होंने ही
किसलिए लिख रहे कुछ
कुछ कह रहे हैं
वो दिख रहे हैं इसीलिए
लिख रहे हैं कुछ

पड़ा हुआ है इतना इधर कुछ
कुछ उधर बिछा रहे हैं कुछ
कैसे पढ़े कोई सभी कुछ
रहने दिया जाए कुछ
पढ़ लिया सब कुछ जरूरी नहीं है 
सब से ही कह दिया जाए कुछ

कब से साफ सफाई से
बहुत साफ सुथरा सा लिख रहे कुछ
कुछ लिखा रहे हैं साफ कूड़ा कुछ
कुछ सिखा रहे हैं सरताज कूड़ा कुछ
पहले बेतरतीब लिख फ़ैला रहे थे जो कुछ
घेर कर बाड़े में उनको सबक सीखा रहे हैं कुछ

‘उलूक’ रहने दे नहीं बस में तेरे कुछ
लिखना कुछ दिखाना कुछ
आसान नहीं है इतना सब कुछ
समेटने में सफाई से कूड़ा कुछ
फैलाने में सफाई से कूड़ा कुछ

चित्र साभार: https://pngtree.com/

8 टिप्‍पणियां:

  1. कुछ वो भी नहीं लिख रहे कुछ
    कुछ हम भी नहीं लिख रहे कुछ

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  2. हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और...
    लिखना ज़रूरी है कुछ न कुछ...
    सादर प्रणाम सर।
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    नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना मंगलवार २ दिसम्बर २०२५ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  3. समेटने में सफ़ाई से कूड़ा कुछ, बिखेरने में सफ़ाई से कूड़ा ... बहुत बढ़िया

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  4. लिखना कुछ दिखाना कुछ
    आसान नहीं है इतना सब कुछ... शानदार कटाक्ष

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