अपने
खास दिन
‘मूर्ख दिवस’ खास दिन
पर
क्षमा करेंगे
आप के
लिये नहीं
केवल
अपने जैसों
के लिये
ढेर सारी
शुभकामनाऐं
ज्यादा
नहीं भी हैं
इसका
गम नहीं है
बहुत थोड़े
से ही हैं
थोड़ा होना
काफी है
कुछ कम
नहीं है
इतने में
संतोष करें
पाखँडी
कहलाने
से अच्छा
महामूर्ख
कहलायें
झूठे सपनों
की झूठी
बातों के
झूठों की
बीमारी
ना फैलायें
सच को
देख सामने
अपने
आँख कान
बंद रखने
से बाज आयें
मुँह खोले
और
कुछ बोलें
चाहे
बहुसंख्यक
द्वारा महामूर्ख
कहलवाये जायें
मूर्ख दिवस पर
दीवारों पर लगे
अपने पोस्टर
गिन गिन
कर आयें
मुखौटे पहने
चोरों की
दुनियाँ में
आओ
महामूर्ख
कहलायें
अपना दिन
अपने जैसे ही
लोगों के
साथ मनायें ।
चित्र साभार: