आप भी
शायद नहीं
जानते होंगे
कमल जोशी
जानते होंगे
कमल जोशी
को
मैं भी नहीं
जानता हूँ
बस उसकी
और
उसकी तस्वीरों
से कभी कभी
मुठभेड़ हुई है
कोई खबर
ले कर
नहीं आया हूँ
बस लिख
रहा हूँ
खबर
मिली है
वो अब
नहीं है
क्यों नहीं है
पता नहीं है
सुना गया है
लटके मिले हैं
लटके या
लटकाया गया
पता नहीं है
सुना है
समाज के लिये
बहुत सोचते थे
किस समाज
के लिये
मुझे पता नहीं है
मेरी दिली
इच्छा थी
ऐसी कई
फजूल
इच्छायें
होती हैं
उसको
जानने की
बस इतना
पता करना था
उसका समाज
और मेरा समाज
एक ही है
या कुछ अलहदा
बातें हैं
बहुत
से लोग
मरते हैं
घर में
मोहल्ले में
शहर में
और
समाज में
घर से
मोहल्ले से
समाज तक
पहुँचने से
पहले
भटक जाना
अच्छी बात
नहीं होती है
उसके
अन्दर भी
कोई
आग होगी
ऐसा मैंने
नहीं कहा है
लोग
कह रहे हैं
अन्दर की
नमी में
आग भी
शरमा कर
बहुत बार
खुद ही
बुझ लेती है
सब में
इतनी हिम्मत
कहाँ होती है
अब हिम्मत
उसकी
खुद की थी
या समाज की
खोज का
विषय है
तुम्हारे मरने
के बाद
पता चला कि
तुम भी
रसायन विज्ञान
के विद्यार्थी रहे थे
तुम्हारे अन्दर
क्या चल रहा था
लोग तुम्हारे
जाने के बाद
कयास
लगा रहे हैं
‘उलूक’ की
श्रद्धांजलि
तुम्हें भी
और उस
समाज के
लिये भी
जो तुम्हें
रोक भी
नहीं सका ।
मैं भी नहीं
जानता हूँ
बस उसकी
और
उसकी तस्वीरों
से कभी कभी
मुठभेड़ हुई है
कोई खबर
ले कर
नहीं आया हूँ
बस लिख
रहा हूँ
खबर
मिली है
वो अब
नहीं है
क्यों नहीं है
पता नहीं है
सुना गया है
लटके मिले हैं
लटके या
लटकाया गया
पता नहीं है
सुना है
समाज के लिये
बहुत सोचते थे
किस समाज
के लिये
मुझे पता नहीं है
मेरी दिली
इच्छा थी
ऐसी कई
फजूल
इच्छायें
होती हैं
उसको
जानने की
बस इतना
पता करना था
उसका समाज
और मेरा समाज
एक ही है
या कुछ अलहदा
बातें हैं
बहुत
से लोग
मरते हैं
घर में
मोहल्ले में
शहर में
और
समाज में
घर से
मोहल्ले से
समाज तक
पहुँचने से
पहले
भटक जाना
अच्छी बात
नहीं होती है
उसके
अन्दर भी
कोई
आग होगी
ऐसा मैंने
नहीं कहा है
लोग
कह रहे हैं
अन्दर की
नमी में
आग भी
शरमा कर
बहुत बार
खुद ही
बुझ लेती है
सब में
इतनी हिम्मत
कहाँ होती है
अब हिम्मत
उसकी
खुद की थी
या समाज की
खोज का
विषय है
तुम्हारे मरने
के बाद
पता चला कि
तुम भी
रसायन विज्ञान
के विद्यार्थी रहे थे
तुम्हारे अन्दर
क्या चल रहा था
लोग तुम्हारे
जाने के बाद
कयास
लगा रहे हैं
‘उलूक’ की
श्रद्धांजलि
तुम्हें भी
और उस
समाज के
लिये भी
जो तुम्हें
रोक भी
नहीं सका ।