गांंधी जी
मैं कह
ही रहा था
कल परसों
की ही
बात थी
कब तक
बकरी की
माँ की तरह
खैर मनाओगे
दो अक्टूबर
तुम्हारी
बपौती नहीं है
किसी दिन
मलाई में
गिरी मक्खी
की तरह
निकाल कर
कहीं फेंक
दिये जाओगे
हो गया शुरु
तुम्हारा भी
देश निकाला
आ गई है खबर
सरकार ने सरकारी
आदेश है निकाला
‘गांंधी आश्रम’
के सूचना पटों
से अभी
निकाले जाओगे
‘खादी भारत’
होने जा रहा है
नया नामकरण
खादी
बुनने बुनाने
की किताबों
से भी भगा
दिये जाओगे
काम
हो रहा है
हर जगह तेजी से
नाम से
नाम को
हर जगह
मिटता मिटाता
लुटता लुटाता
अब आगे
यही सब
देख पाओगे
बहुत
कर लिये मौज
बाबा गांंधी
इतिहास
की किताबों से
खोद निकाल कर
जल्दी ही
खेतों के
गड्ढों में भी
बो दिये जाओगे
देख रहा है
‘उलूक’
बहुत कुछ
देखना है
अच्छा
होने वाला
अच्छे दिनों में
राष्ट्रपिता
की कुर्सी पर
जल्दी ही
किसी नेता जी को
ऊपर से अपने
बैठा हुआ पाओगे ।
चित्र साभार: news.statetimes.in
मैं कह
ही रहा था
कल परसों
की ही
बात थी
कब तक
बकरी की
माँ की तरह
खैर मनाओगे
दो अक्टूबर
तुम्हारी
बपौती नहीं है
किसी दिन
मलाई में
गिरी मक्खी
की तरह
निकाल कर
कहीं फेंक
दिये जाओगे
हो गया शुरु
तुम्हारा भी
देश निकाला
आ गई है खबर
सरकार ने सरकारी
आदेश है निकाला
‘गांंधी आश्रम’
के सूचना पटों
से अभी
निकाले जाओगे
‘खादी भारत’
होने जा रहा है
नया नामकरण
खादी
बुनने बुनाने
की किताबों
से भी भगा
दिये जाओगे
काम
हो रहा है
हर जगह तेजी से
नाम से
नाम को
हर जगह
मिटता मिटाता
लुटता लुटाता
अब आगे
यही सब
देख पाओगे
बहुत
कर लिये मौज
बाबा गांंधी
इतिहास
की किताबों से
खोद निकाल कर
जल्दी ही
खेतों के
गड्ढों में भी
बो दिये जाओगे
देख रहा है
‘उलूक’
बहुत कुछ
देखना है
अच्छा
होने वाला
अच्छे दिनों में
राष्ट्रपिता
की कुर्सी पर
जल्दी ही
किसी नेता जी को
ऊपर से अपने
बैठा हुआ पाओगे ।
चित्र साभार: news.statetimes.in