क्या किया जाये
जब देर से
समझ में आये
खिड़कियाँ
सामने
वाले की
जिनमें
घुस घुस
कर देखने
समझने
का भ्रम
पालता
रहा हो कोई
खिड़कियाँ
थी ही नहीं
आईने थे
यही होता है
यही गीता है
यही कृष्ण है
और
यही अर्जुन है
बहुत सारी
गलतफहमियाँ
खुद की
खुद को
पता होती हैं
देखना कौन
चाहता है
पर सामने
वाले की
खिड़कियाँ
जो आईना
होती है
हर कोशिश
में देखने की
अपना सच
बिना किसी
लाग लपेट के
बहुत साफ
साफ
दिखाता है
समझ में
आता है
घुसना
समझ में
आता है
दिखना
सब कुछ
साफ साफ
नहीं समझ
में आता है
आईने में
दिखी
परछाइयाँ
खुद की
खुद की
कमजोरियाँ
कृष्ण भी
खुद मे ही है
अर्जुन भी
खुद में ही है
खिड़कियाँ
नहीं हैं
बस आईने हैं
कौन क्या
देखना
चाहता है
खुद बता
देता है
खुद को
उसका सच
देखने की
कोशिश में
तेरे सारे झूठ
तुझे नजर
आते हैं
‘उलूक’
खुश मत
हुआ कर
आईना हटा
कर कुछ
खिड़कियों में
झाँकना सीख
लोग
खिड़कियाँ
खुली तो
रखते हैं
पर आईना
भी रखते
हैं साथ में ।
जब देर से
समझ में आये
खिड़कियाँ
सामने
वाले की
जिनमें
घुस घुस
कर देखने
समझने
का भ्रम
पालता
रहा हो कोई
खिड़कियाँ
थी ही नहीं
आईने थे
यही होता है
यही गीता है
यही कृष्ण है
और
यही अर्जुन है
बहुत सारी
गलतफहमियाँ
खुद की
खुद को
पता होती हैं
देखना कौन
चाहता है
पर सामने
वाले की
खिड़कियाँ
जो आईना
होती है
हर कोशिश
में देखने की
अपना सच
बिना किसी
लाग लपेट के
बहुत साफ
साफ
दिखाता है
समझ में
आता है
घुसना
समझ में
आता है
दिखना
सब कुछ
साफ साफ
नहीं समझ
में आता है
आईने में
दिखी
परछाइयाँ
खुद की
खुद की
कमजोरियाँ
कृष्ण भी
खुद मे ही है
अर्जुन भी
खुद में ही है
खिड़कियाँ
नहीं हैं
बस आईने हैं
कौन क्या
देखना
चाहता है
खुद बता
देता है
खुद को
उसका सच
देखने की
कोशिश में
तेरे सारे झूठ
तुझे नजर
आते हैं
‘उलूक’
खुश मत
हुआ कर
आईना हटा
कर कुछ
खिड़कियों में
झाँकना सीख
लोग
खिड़कियाँ
खुली तो
रखते हैं
पर आईना
भी रखते
हैं साथ में ।