कम नहीं हैं
बहुत हैं
चारों तरफ हैं
फिर भी
मानते नहीं हैं
कि हैं
हो सकता है
नहीं भी होते हों
उनकी सोच में वो
बस सोच की
ही तो बात है
देखने की
बात है ही नहीं
हो भी नहीं
सकती है
जब गर्दन
किसी भी
शुतुरमुर्ग की
रेत के अन्दर
घुसी हुई हो
कितनी अजीब
बात है
है ना
आँख वाले
के पास देखने
का काम
जरा सा भी
ना हो
और सारे
शुतुरमुर्गों
के हाथ में
हो सारे देखने
दिखाने के
काम सारे
सभी कुछ
गर्दन भी हो
चेहरा भी हो
जो भी हो
घुसा हुआ हो
और
चारों तरफ
रेत हो
बस रेत
ही रेत हो
शुतुरमुर्ग
होने मे
कोई
बुराई नहीं है
शुतुरमुर्ग होने
के लिये
कहीं
मनाही नहीं है
कुछ
होते ही हैं
शुतुरमुर्ग
मानते भी हैं
कि हैं
मना भी
नहीं करते हैं
शुतुरमुर्ग की
तरह रहते भी हैं
मौज करते हैं
बेशरम
शुतुरमुर्ग
नहीं कह
सकते हैं
अपनी मर्जी से
रेत में गर्दन भी
घुसा सकते हैं
ईमानदार होते हैं
देखने दिखाने
और बताने का
कोई भी ठेका
नहीं लेते हैं
‘उलूक’
बकवास करना
बंद कर
गर्दन खींच
और घुसेड़ ले
जमीन के अन्दर
और देख
बहुत कुछ
दिखाई देगा
शुतुरमुर्गो
नाराज मत होना
बात शुतुरमुर्गों
की नहीं हो रही है
बात हो रही है
देखने दिखाने
और
बताने की
गर्दन घुसेड़ कर
रेत के अन्दर ।
चित्र साभार: www.patheos.com
बहुत हैं
चारों तरफ हैं
फिर भी
मानते नहीं हैं
कि हैं
हो सकता है
नहीं भी होते हों
उनकी सोच में वो
बस सोच की
ही तो बात है
देखने की
बात है ही नहीं
हो भी नहीं
सकती है
जब गर्दन
किसी भी
शुतुरमुर्ग की
रेत के अन्दर
घुसी हुई हो
कितनी अजीब
बात है
है ना
आँख वाले
के पास देखने
का काम
जरा सा भी
ना हो
और सारे
शुतुरमुर्गों
के हाथ में
हो सारे देखने
दिखाने के
काम सारे
सभी कुछ
गर्दन भी हो
चेहरा भी हो
जो भी हो
घुसा हुआ हो
और
चारों तरफ
रेत हो
बस रेत
ही रेत हो
शुतुरमुर्ग
होने मे
कोई
बुराई नहीं है
शुतुरमुर्ग होने
के लिये
कहीं
मनाही नहीं है
कुछ
होते ही हैं
शुतुरमुर्ग
मानते भी हैं
कि हैं
मना भी
नहीं करते हैं
शुतुरमुर्ग की
तरह रहते भी हैं
मौज करते हैं
बेशरम
शुतुरमुर्ग
नहीं कह
सकते हैं
अपनी मर्जी से
रेत में गर्दन भी
घुसा सकते हैं
ईमानदार होते हैं
देखने दिखाने
और बताने का
कोई भी ठेका
नहीं लेते हैं
‘उलूक’
बकवास करना
बंद कर
गर्दन खींच
और घुसेड़ ले
जमीन के अन्दर
और देख
बहुत कुछ
दिखाई देगा
शुतुरमुर्गो
नाराज मत होना
बात शुतुरमुर्गों
की नहीं हो रही है
बात हो रही है
देखने दिखाने
और
बताने की
गर्दन घुसेड़ कर
रेत के अन्दर ।
चित्र साभार: www.patheos.com