आज एक लम्बे
अर्से के बाद
पता नहीं कैसे मैं
जा बैठा घर के
आईने के सामने
मेरे दिमाग की तरह
आईने ने कोई अक्स
नहीं दिखलाया
मैं थोड़ा घबराया
नजर को फिराया
सामने कैलेण्डर में
तो सब नजर
आ रहा था
तो ये आईना
मुझसे मुझको
क्यों छिपा रहा था
सोचा किसी को बुलाउं
आईना टेस्ट करवाउं
बस कुता भौंकता
हुवा आया थोडा़ ठहरा
फिर गुर्राया जब
उसने अपने को आईने
के अंदर भी पाया
मुझे लगा आईना
भी शायद समय
के सांथ बदल रहा होगा
इसी लिये कबाड़ का
प्रतिबिम्ब दिखाने से
बच रहा होगा
विज्ञान का हो भी
सकता है ऎसा
चमत्कार
जिन्दा चीजों का ही
बनाता हो आईना
इन दिनो प्रतिबिम्ब
और मरी हुवी चीजों
को देता हो चेतावनी
कि तुम अब नहीं हो
कुछ कर सकते हो
तो कर लो अविलम्ब।
अर्से के बाद
पता नहीं कैसे मैं
जा बैठा घर के
आईने के सामने
मेरे दिमाग की तरह
आईने ने कोई अक्स
नहीं दिखलाया
मैं थोड़ा घबराया
नजर को फिराया
सामने कैलेण्डर में
तो सब नजर
आ रहा था
तो ये आईना
मुझसे मुझको
क्यों छिपा रहा था
सोचा किसी को बुलाउं
आईना टेस्ट करवाउं
बस कुता भौंकता
हुवा आया थोडा़ ठहरा
फिर गुर्राया जब
उसने अपने को आईने
के अंदर भी पाया
मुझे लगा आईना
भी शायद समय
के सांथ बदल रहा होगा
इसी लिये कबाड़ का
प्रतिबिम्ब दिखाने से
बच रहा होगा
विज्ञान का हो भी
सकता है ऎसा
चमत्कार
जिन्दा चीजों का ही
बनाता हो आईना
इन दिनो प्रतिबिम्ब
और मरी हुवी चीजों
को देता हो चेतावनी
कि तुम अब नहीं हो
कुछ कर सकते हो
तो कर लो अविलम्ब।