दिल
की बातें
कहाँ उतर
पाती हैं
इतनी
आसानी से
जबान से
कागज के
पास तक
पहुँच कर
भी फिसल
जाती हैं
दिल में
कुछ और होता है
लिखना
कुछ और होता है
जबान तक
कुछ और आता है
लिखा
कुछ और ही जाता है
बहुत कुछ होता है
आस पास की
हवा को हमेशा
बताने के लिये
पर हवा है कि
उससे रुका ही
कहाँ जाता है
उसे भी
कहाँ है
फुरसत
अपने गम
और खुशी
जमाने को
दिखाने के लिये
उसकी
बातों को भी
कहाँ कौन
सुन पाता है
कुछ आवाज
जैसी जरूर
सुनाई देती है
जिसे हल्के होने
की बातें
कहाँ उतर
पाती हैं
इतनी
आसानी से
जबान से
कागज के
पास तक
पहुँच कर
भी फिसल
जाती हैं
दिल में
कुछ और होता है
लिखना
कुछ और होता है
जबान तक
कुछ और आता है
लिखा
कुछ और ही जाता है
बहुत कुछ होता है
आस पास की
हवा को हमेशा
बताने के लिये
पर हवा है कि
उससे रुका ही
कहाँ जाता है
उसे भी
कहाँ है
फुरसत
अपने गम
और खुशी
जमाने को
दिखाने के लिये
उसकी
बातों को भी
कहाँ कौन
सुन पाता है
कुछ आवाज
जैसी जरूर
सुनाई देती है
जिसे हल्के होने
पर एक सरसराहट
कह दिया जाता है
कुछ तेजी से
चलना चाहती है
कभी तो
तूफान आने का
हल्ला मचा
दिया जाता है
‘उलूक’ भी
जानता है
समझता है
उसके खाने के
दाँतो को भी
कोई नहीं
देख पाता है
सबकी
आदत और
संगत का असर
उस पर भी होता है
बहुत बार वो भी
एक हाथी होने से
अपने को नहीं
बचा पाता है
मान लेना बहुत
मुश्किल होता है
अपना ही कर्म
अपनी ही आँखों में
बहुत आसानी से
बहुत बार धूल
झोंक ले जाता है ।
चित्र साभार : http://www.shutterstock.com/
कह दिया जाता है
कुछ तेजी से
चलना चाहती है
कभी तो
तूफान आने का
हल्ला मचा
दिया जाता है
‘उलूक’ भी
जानता है
समझता है
उसके खाने के
दाँतो को भी
कोई नहीं
देख पाता है
सबकी
आदत और
संगत का असर
उस पर भी होता है
बहुत बार वो भी
एक हाथी होने से
अपने को नहीं
बचा पाता है
मान लेना बहुत
मुश्किल होता है
अपना ही कर्म
अपनी ही आँखों में
बहुत आसानी से
बहुत बार धूल
झोंक ले जाता है ।
चित्र साभार : http://www.shutterstock.com/