मेरा
सलीकेदार सुन्दर सा पहनावा
मेरी गर्व भरी चाल
मेरा संतुलित व्यवहार
मेरी मीठी रसीली सी बोलचाल
मेरी कविता का सौंदर्यबोध
मेरा संतुलित सामजिक समरसता
का सुन्दर सा खोल
मुझे दिखाना ही दिखाना है
जब भी अपने जैसे
तमीजदारों की सभाओं में कहीं
भाषण फोड़ कर आना है
भाषण फोड़ कर आना है
बस वो ही बताना है वो ही सुनाना है
जिससे बने कुछ छवि सुन्दर सी
किसी भी तरह कैसे भी
करना क्या है
उससे किसी को क्या मतलब वैसे भी रह जाना है
मेरे बच्चे बच्चे
दूसरों के बच्चे जन्संख्या का सिद्धांत
अपनाना है
अपने घर को जाते जाते
सड़क पर झूल रहे
बिजली और दूरभाष के उलझे तारों के
किनारे से निकल
सड़क को घेर रहे
मेरे घर को जाते हुऎ पानी के पाईपों से
बस नहीं टकराना है
पालीथीन में बंधे हुऎ
मेरे घर के अजैविक और जैविक
कूडे़ की दुर्गंध पर
नाक पर बस रुमाल ही तो एक लगाना है
बहुत कुछ है बताने को इस तरह से
सैंस नहीं बस नानसैंस जैसा ही तो होता है ये सिविक सैंस
आप अपने काम से रखते हो मतलब
मेरे काम में दखलंदाजी लगती है
आप को हमेशा ही बेमतलब
इसलिये मुझे हमेशा
कोई ना कोई पुरुस्कार जरूर कुछ पाना है
समय नहीं है ज्यादा कुछ बताने के लिये
कल की मीटिंग के लिये अभी
मुझे नाई की दुकान पर
फेशियल करवाने के लिये जाना है ।
चित्र सभार: https://greatbridalexpo.wordpress.com/2013/03/11/spa-tips-for-men/