पता चल
जाता है
और
अच्छा भी है
वो
आता जाता है
पर पढ़ने
के लिये नहीं
बस ये
देखने के लिये
कि आखिर
रोज रोज
यहाँ पर ऐसा
क्या कुछ
लिखा जाता है
अब ऐसा
भी नहीं
लिखता है कोई
पढ़ते ही
चल जाये पता
कि लिखा
क्या जाता है
लिखा जाता है
उसके लिये ही
जो भी
जैसा भी
जहाँ भी
जितना भी
लिखा जाता है
जानता है
वो भी अच्छी
तरह से ये
किसलिये
कहाँ और क्या
लिखा जाता है
परेशानी
होती है
केवल
उसको
ये देखकर
बस एक
और
केवल
एक ही
शेर जैसा
कुछ लिखा
जाता है
शेर भी
लिखा जाता है
उसके
शेर होने पर
लिखा जाता है
खुश होता है
या नहीं
ये बस
पता नहीं
किसी को
चल पाता है
‘उलूक’
शेर तो
शेर होता है
कुछ करे
या ना करे
दहाड़ने
से ही
एक बार
एक दिन में
बहुत कुछ
हो ही जाता है
बस बात
ये समझना
दिमाग से
कुछ बाहर को
चला जाता है
शेर पर
लिखे गये
शेर को
पढ़ पढ़ कर
एक चूहा
अपनी
झुँझुलाहट
दिखा कर
नाराजगी
व्यक्त
आँखिर क्यों
कर के जाता है ?
चित्र साभार: martanime.deviantart.com
जाता है
और
अच्छा भी है
वो
आता जाता है
पर पढ़ने
के लिये नहीं
बस ये
देखने के लिये
कि आखिर
रोज रोज
यहाँ पर ऐसा
क्या कुछ
लिखा जाता है
अब ऐसा
भी नहीं
लिखता है कोई
पढ़ते ही
चल जाये पता
कि लिखा
क्या जाता है
लिखा जाता है
उसके लिये ही
जो भी
जैसा भी
जहाँ भी
जितना भी
लिखा जाता है
जानता है
वो भी अच्छी
तरह से ये
किसलिये
कहाँ और क्या
लिखा जाता है
परेशानी
होती है
केवल
उसको
ये देखकर
बस एक
और
केवल
एक ही
शेर जैसा
कुछ लिखा
जाता है
शेर भी
लिखा जाता है
उसके
शेर होने पर
लिखा जाता है
खुश होता है
या नहीं
ये बस
पता नहीं
किसी को
चल पाता है
‘उलूक’
शेर तो
शेर होता है
कुछ करे
या ना करे
दहाड़ने
से ही
एक बार
एक दिन में
बहुत कुछ
हो ही जाता है
बस बात
ये समझना
दिमाग से
कुछ बाहर को
चला जाता है
शेर पर
लिखे गये
शेर को
पढ़ पढ़ कर
एक चूहा
अपनी
झुँझुलाहट
दिखा कर
नाराजगी
व्यक्त
आँखिर क्यों
कर के जाता है ?
चित्र साभार: martanime.deviantart.com